मेडिकल अस्पताल में 8 हजार वाला इंजेक्शन मुफ्त उपलब्ध

8 thousand injection available free of cost in medical hospital
मेडिकल अस्पताल में 8 हजार वाला इंजेक्शन मुफ्त उपलब्ध
नागपुर मेडिकल अस्पताल में 8 हजार वाला इंजेक्शन मुफ्त उपलब्ध

डिजिटल डेस्क, नागपुर. जीबीएस (गुलियन बैरे सिंड्रोम) एक गंभीर बीमारी है। इसका इलाज भी काफी महंगा है। इस बीमारी के उपचार में एक मरीज को 20 आईवीआईजी इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं। बाजार में एक इंजेक्शन की कीमत 8 हजार रुपए से अधिक है। इस तरह उपचार में सिर्फ इंजेक्शन के लिए मरीज को 1.60 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं। इस इंजेक्शन की सरकारी अस्पतालों में अक्सर किल्लत बनी रहती है, लेकिन इन दिनों मेडिकल में यह इंजेक्शन मुफ्त उपलब्ध है। इससे महात्मा ज्योतिबा फुले जनस्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों को समस्या से राहत मिली है।

मेडिकल में आईवीआईजी इंजेक्शन की कोई कमी नहीं हैं, इसलिए योजना के लाभार्थियों का नियमित उपचार हो रहा है। यह इंजेक्शन काफी महंगा होने से लाभार्थी को योजना अंतर्गत ही दिया जाता है। इसकी बाजार में कीमत 8000 से अधिक है। मेडिकल प्रशासन द्वारा जरूरत के हिसाब से दवा आपूर्ति एजेंसियों को ऑर्डर दिया जाता है। कोरोनाकाल के बाद आपूर्तिकर्ताओं ने इसकी कृत्रिम किल्लत पैदा कर दी थी। कोरोना के दौरान रेमडेसिविर की जमाखोरी का मामला उजागर हुआ था, इसलिए आईवीआईजी के बारे में भी यही संदेह व्यक्त किया जा रहा था। आपूर्तिकर्ता एजेंसियों द्वारा आवश्यकतानुसार इंजेक्शन आपूर्ति किए जाने से जीबीएस के मरीजों को राहत मिलने लगी है। इस समय 40 वायल से अधिक स्टॉक होने की बात कही गई है। आन वाले समय में यहां दवा व इंजेक्शन का स्टाॅक बढ़ाया जाएगा। इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है।

हर माह 8 से 10 मरीज आते हैं

कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद मेडिकल में मरीजों की संख्या बढ़ गई थी। इन मरीजों में जीबीएस बीमारी से ग्रस्त मरीजों का भी समावेश था। इन मरीजों को आईवीआईजी नामक इंजेक्शन देना पड़ता है। मेडिकल में हर महीने इस बीमारी से ग्रस्त 8 से 10 मरीज आते हैं। इस बीमारी से गंभीर मरीजों को 20 इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं। इस बीमारी का उपचार महात्मा फुले जनस्वास्थ्य योजना अंतर्गत होता है। कोरोनाकाल के बाद जब यहां मरीज पहुंचते थे, तो योजना अंंतर्गत उनके उपचार की राशि मंजूर हो जाती थी, लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल रहे थे। इसके पीछे जमाखोरी व कालाबाजारी बड़ा कारण बताया जा रहा था।
 

Created On :   28 Nov 2022 7:07 PM IST

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