डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 822 मामलों का हुआ समाधान, पल भर में निपटे सालों के विवाद

822 cases resolved in district Court in a day
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 822 मामलों का हुआ समाधान, पल भर में निपटे सालों के विवाद
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 822 मामलों का हुआ समाधान, पल भर में निपटे सालों के विवाद

डिजिटल डेस्क, कटनी। दादी के साथ बच्चों के सोने को लेकर हुए विवाद पर देवर एवं भाभी के बीच हुई मारपीट का मामला लंबे समय से कोर्ट में चला आ रहा था। जिसे शनिवार को लोक अदालत दौरान दोनों पक्षों को समझा बुझाकर समाप्त कराया गया। ऐसा ही एक मामला कुटम्ब न्यायालय में भी लोक अदालत दौरान देखने को मिला जहां पति पत्नी के बीच बेहद मामूली वजह से हुई टकरार के कारण रिश्ता टूटने की कगार पर जा पहुंचा था, लेकिन लोक अदालत में इस मामले में दोनों पक्षों को समझा बुझाकर प्रकरण का निराकरण किया गया। शनिवार को नेशनल लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन  के 283 तथा न्यायालय के 539 लंबित प्रकरण निराकृत हुए।

25 खंडपीठों में रखे गए थे 15 हजार से अधिक प्रकरण
इससे पूर्व शनिवार की सुबह करीब साढ़े 10 बजे जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष अनिल मोहनिया द्वारा जिला न्यायालय परिसर में मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस दौरान न्यायाधीशों, विधिक सहायता अधिकारी, पक्षकारों तथा अन्य अधिकारियों की मौजूदगी रही। जिले में लोक अदालत की गठित 25 खंडपीठों में प्रीलिटिगेशन के 9440 तथा न्यायालय के 5613 प्रकरणों को रखा गया। इनमें प्रीलिटिगेशन के 283 प्रकरणों को निराकृत कर 326 लोगों को लाभान्वित किया गया। इन प्रकरणों में 47 लाख 95 हजार 361 रूपए की राशि अवार्ड की गई। इसी तरह न्यायालय में लंबित प्रकरणों में 539 प्रकरण निपटाये गए। जिससे 1329 लोग लाभान्वित हुए तथा 1 करोड़ 97 लाख 38 हजार 824 रूपए अवार्ड पारित हुआ।

केसवार यह रही स्थिति
प्रीलिटिगेशन के बैंक रिकव्हरी के रिफर 6397 केस में से 117 व बिजली बिल के 3043 में से 166 केस निराकृत हुए। जबकि लंबित न्यायालयीन प्रकरणों के तहत एमएसीटी के रिफर 1030 में से 124, एनआई एक्ट के 157 में से 30 क्रिमनल कम्पाउंडेबिल के रिफर 1557 केस में से 261, रिफर 66 सिविल केस में से 16 तथा बिजली बिल के रिफर 2100 में से 68 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत में हुआ।

इस साल लोक अदालत में निपटे 2646 प्रकरण
शनिवार को हुई नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय में कुल 822 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जबकि इससे पूर्व अपै्रल में हुई लोक अदालत में कुल 557, जुलाई में हुई लोक अदालत 591 एवं सितम्बर में हुई लोक अदालत में 676 प्रकरण जिला न्यायालय में निराकृत हुए थे। शनिवार को संपन्न हुई लोक अदालत में पिछली तीनों लोक अदालतों का रिकार्ड ध्वस्त हुआ। इस वर्ष लोक अदालत के माध्यम से जिला न्यायालय के प्रीलिटिगेशन एवं लंबित 2646 प्रकरण निराकृत हुए।

नगर निगम ने वसूले 18.42 लाख
नेशनल लोक अदालत के तहत सम्पत्ति कर, जल कर, स्वच्छता कर सहित बकायाकरों के लिए नगर निगम द्वारा स्थानीय कम्युनिटी हॉल में वार्ड क्रमांक 1 से 36 तथा उप कार्यालय माधवनगर में वार्ड क्रमांक 38 से 45 के लिए काउंटर बनाये गए थे। सुबह साढ़े 10 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक चली लोक अदालत दौरान नगर निगम द्वारा 45 वार्डों के करीब 400 लोगों को लाभान्वित करते हुए कुल 18 लाख 42 हजार रूपए वसूला गया। इसी तरह कलेक्ट्रेट में रखे गए 4877 प्रकरणों में 1925 तथा परिवार परामर्श केंद्रों के 21 प्रकरणों को लोक अदालत के माध्यम से निपटाया गया।

टूटने से बचे 40 परिवार
वहीं वैवाहिक विवाद के लंबित 200 प्रकरण लोक अदालत में रिफर किए गए थे। इनमें 40 प्रकरणों का आपसी रजामंदी से निराकरण कराया गया जिसमें 80 लोगों को लाभ पहुंचा। इनमें 48400 रूपए अवार्ड पारित किया गया। पति-पत्नी के बीच मामूली विवादों पर परिवारों के टूटने की नौबत आ खड़ी हुई थी। पिछले 2 वर्षों से अदालत में चल रहे इन प्रकरणों का निराकरण करा न्यायाधीशों द्वारा पति पत्नी को एक दूसरे से सारे गिले शिकवे समाप्त कर एक दूसरे को पुन: माला पहनाकर आगे का दाम्पत्य जीवन खुशहाली से बिताने आशीष दिया गया

Created On :   10 Dec 2017 5:12 PM IST

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