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9 अज्ञात मनोरोगियों का हुआ पुनर्वसन, पहली बार मनाया कोई त्यौहार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रादेशिक मनोचिकित्सालय में उपचार करवाकर सामान्य हो चुके 9 अज्ञात मनोरोगियों का पुनर्वसन किया गया है। अक्टूबर महीने से इस काम को शुरू किया गया है। अब तक 15 मनोरोगियों का पुनर्वास हो चुका है। इसके बाद उन्हें विविध कामों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार मिलने लगेगा। पिछले दो साल से इन मनोरोगियों का पुनर्वसन करने की पहल की जा रही थी। अंतत: प्रादेशिक मनोचिकित्सालय, समाज कल्याण विभाग व टाटा ट्रस्ट के सहयोग से उनके यह प्रक्रिया पूरी जा रही है। अब तक 15 मनोरोगियों को इसका लाभ दिया गया है। 1 दिसंबर को खापा स्थित मानव विकास प्रशिक्षण व पुनर्वसन केंद्र में 9 लोगों का पुनर्वसन किया गया है। अक्टूबर में 6 लोगों का किया गया था। इनमें 2 महिलाएं व 13 पुरुष शामिल हैं।
स्वयं का नाम-पता भूल चुके हैं
पुनर्वसन केंद्र में उपचार के साथ रोजगार प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा होने पर उनके रुचि का काम मिल जाता है। सूत्रों के अनुसार प्रादेशिक मनोचिकित्सालय में वर्षों से मनोरोगी उपचार लेते हैं। कुछ लोगों को परिजन लेकर आते हैं, वहीं कुछ लोग सड़कों पर घूमने वाले मनोरोगियों को मनोचकित्सालय में छोड़ जाते हैं। उनका वर्षों तक उपचार चलता है। इनमें से अधिकतर लोगों को लेने परिजन नहीं आते हैं। सड़कों पर पाए गए मनोरोगियों को निवारा केंद्रों में भेजा जाता था। यह ऐसे मनोरोगी होते हैं, जिन्हे स्वयं का नाम, पता आदि के बारे में कुछ पता नहीं होता। वे अपना पिछला जीवन भूल चुके होते हैं। इन्हंे अज्ञात मनोराेगी कहा जाता है।
पहली बार मनाया भाई दूज का पर्व
रविवार के दिन सामान्य हो चुके अज्ञात मनोरोगियों ने वर्षों बाद पहली बार भाई दूज का पर्व मनाया। पुनर्वसन हो चुके 13 पुरुषों व 2 महिलाओं को भाई-बहन के पर्व का एहसास हुआ। बरसों से मनोचिकित्सालय में रहने से वे रिश्ते-नाते, पर्व-उत्सव आदि से दूर हो गए थे। रविवार को यह पर्व मनाते हुए उनकी आंखों में खुशी के आंसू दिखाई दिए। इसी दिन पुनर्वसन केंद्र को लायंस क्लब द्वारा 15 कंबल दिए गए हैं।
Created On :   6 Dec 2021 5:02 PM IST