90 प्रश. वाहन कंडम, भगवान भरोसे जंगलों की सुरक्षा

90 प्रश. वाहन कंडम, भगवान भरोसे जंगलों की सुरक्षा
90 प्रश. वाहन कंडम, भगवान भरोसे जंगलों की सुरक्षा

व्यवस्था का हाल - धड़ल्ले से हो रही अवैध कटाई और वन्य प्राणियों का शिकार
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
वन विभाग का मूल काम वन्य प्राणियों और जंगलों की सुरक्षा का होता है, लेकिन जबलपुर वन मंडल की हकीकत यह है कि इन दोनों कामों को छोड़कर बाकी सब कुछ किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार जंगलों में अवैध कटाई और वन्य प्राणियों के शिकार की रोकथाम के लिए वन प्रहरी वाहनों से पेट्रोलिंग और गश्त कराने का सख्त नियम है, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले कई सालों से जिले की हर रेंज में 90 प्रतिशत वन प्रहरी वाहन कंडम होकर कबाड़ में पड़े हुए हैं। विभाग के जवाबदार अफसरों का दावा तो और भी हास्यपद है, इनका दावा है कि किराए पर रखे गए लग्जरी वाहनों से जंगलों में गश्त नियमित रूप से होती है। वहीं जानकारों का कहना है कि लग्जरी वाहनों से जंगल के कच्चे रास्तों में नियमित रूप से पेट्रोलिंग होना असंभव है। किराए पर रखे जाने वाले वाहन शर्तों पर रखे जाते हैं, इनका उपयोग सिर्फ अफसर विभागीय दौरों के साथ निजी इस्तेमाल के लिए ही करते हैं। वन विभाग के सूत्रों की मानें तो अफसरों की इस अनदेखी की वजह से जंगलों में धड़ल्ले से पेड़ों की अवैध कटाई और वन्य प्राणियों के शिकार हो रहे हैं। 
जबलपुर वन मंडल की कुण्डम, सिहोरा, पनागर, जबलपुर, शहपुरा, बरगी और पाटन सातों रेंजों में वन प्रहरी वाहन आवंटित हैं। पेट्रोलिंग वाहन में सिर्फ ड्राइविंग हिस्सा ही बंद होता है। पीछे का हिस्सा पूरी तरह खुला होता है। पेट्रोलिंग के दौरान जंगलों में कटे हुए पेड़ों और घायल या मृत जानवरों को इन्हीं वाहनों में रखकर डिपो या अस्पताल तक पहुँचाया जाता है। 
इनका कहना है
नए वाहनों का क्रय फिलहाल बंद है, शासन के निर्देशों पर विभागीय कार्यों के लिए किराए के वाहन रखे गए हैं, इन्हीं से जंगलों में पेट्रोलिंग और गश्त भी कराई जाती है। 
-अंजना सुचिता तिर्की, डीएफओ
 

Created On :   24 March 2021 2:35 PM IST

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