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आरटीई प्रवेश में अबतक 9628 आवेदन, डेंटल कॉलेज के विद्यार्थियों को मिली लाइब्रेरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय दंत महाविद्यालय (डेंटल) की मांग को शनिवार को अधिष्ठाता द्वारा मान लिया गया। शनिवार को विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी की वैकल्पिक व्यवस्था के साथ ही लाइब्रेरी का समय बढ़ाने का निर्णय लिया गया। वहीं मामले को लेकर अधिष्ठाता डॉ. मंगेश फडनाईक का कहना है कि विद्यार्थियों की जायज मांग है जिनको पूरा करना ही है। वहीं, लाइब्रेरी के नवीनीकरण के कारण समस्या खड़ी हो रही थी जो सामान्य बात है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को विद्यार्थियों ने डेंटल कॉलेज के बाहर जमा होकर हंगामा किया था। विद्यार्थियों का आरोप था कि पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी हेतु एक बार पत्र लिखने के बाद भी बार-बार पत्र लिखने को बोला जा रहा है। इसको लेकर विद्यार्थियों ने हंगामा खड़ा कर दिया था, हालांकि बाद में अधिष्ठाता के समझाने पर वह मान गए थे। वहीं दूसरे डेंटल कॉलेज में स्टॉफ की कमी के कारण विद्यार्थियों की लाइब्रेरी का समय रात 10.30 से शाम 5 बजे तक कर दिया गया है। इसको लेकर भी नाराजगी थी और दूसरी ओर लाइब्रेरी में रिनोवेशन का काम 4-5 दिन से बंद होने के बाद भी लाइब्रेरी को चालू नहीं किया गया था। वहीं, अब फिलहाल लाइब्रेरी की दूसरी मंजिल पर वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है और सुबह 10.30 बजे से शाम 5 बजे के समय को बढ़ाकर सुबह 10 से रात 10 बजे कर िदया गया है।
आरटीई प्रवेश : तीन दिन में 9628 आवेदन
आरटीई प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। पिछले तीन दिन में 9628 आवेदन भरे गए। 11 फरवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन साइट एक दिन विलंब से शुरू हुई। पहले दिन सर्वर की गति धीमी रहने से अभिभावकों को निराशा हुई। 12 फरवरी की शाम साइट शुरू हुई, लेकिन सर्वर लड़खड़ा जाने से अभिभावक परेशान होते रहे। सर्वर ठीक से नहीं चलने के कारण घर से स्कूल के अंतर की मैपिंग, स्कूलों का िसलेक्शन की खामियां रहीं। बता दें इसी समस्या के चलते मैपिंग सही नहीं हो पाने से लॉटरी में नंबर लगने पर भी पिछले वर्ष हजारों विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रहे थे। आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन शाहिद शरीफ ने शिक्षा िवभाग को प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले संभावित समस्याओं से अवगत कराया था। इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने संज्ञान नहीं लिया। उसी गलती के दोहराए जाने से पालकों को पुन: इस वर्ष भी परेशान होना पड़ा।
Created On :   16 Feb 2020 2:51 PM IST