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शहर में हैं 98 फीट ऊँची इमारतें, महज 25 फीट तक आग बुझाने में सक्षम है नगर निगम
एहतियात जरूरी - कोलकाता में आग से सात की मौत के बाद दिखी हकीकत, असुरक्षित हैं कई बहुमंजिला इमारतें, ऊँचे भवनों को अब जाँच के बाद ही एनओसी देगा फायर ब्रिगेड, जारी हुए नोटिस
3 साल में अग्निकांड से स्वाहा हुए साढ़े 9 करोड़
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर में 98 फीट की ऊँचाई वाली कुछ इमारतें हैं जबकि 45 फीट ऊँची इमारतों की तो भरमार हैं, जिनकी गिनती तक नहीं की गई है। अब यदि इनमें से किसी इमारत में आग लगती है तो सोचने वाली बात यह है कि नगर निगम केवल 25 फीट की ऊँचाई तक ही आग पर काबू पा सकता है। इससे अधिक की ऊँचाई के लिए फायर फाइटर्स को अपनी जान खतरे में डालनी होगी। इससे भी अधिक चौंकाने वाला तथ्य तो यह है कि इन इमारतों में आग से लडऩे के लिए उपकरण हैं या नहीं, आग से निपटने के उपाय इमारतों में किए गए हैं या नहीं किसी को यह तक नहीं पता। अब निगम ने नोटिस जारी किया है और यह देखा जाएगा कि इमारतों में आग से बचाव के लिए पर्याप्त उपाय हैं या नहीं, जिसके बाद एनओसी जारी की जाएगी। अग्निकांड को साधारण समझने वालों के लिए यह आँकड़ा ही पर्याप्त होगा कि पिछले 3 साल में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में 11 सौ से अधिक अग्निकांड हुए और इनसे 9 करोड़ 45 लाख से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है।
गत दिवस कोलकाता की एक बहुमंजिला इमारत में अग्निकांड हुआ, जिसमें कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। ऐसी घटना कहीं भी हो सकती है और बचने के लिए लोगों के पास बहुत कम समय होता है, इसलिए बेहतर तो यही होगा कि हम समय रहते चेत जाएँ। इन इमारतों में रहने वाले लोग खुद ही बिल्डर, सोसायटी और नगर निगम के साथ ही जिला प्रशासन से भी यह सवाल कर सकते हैं कि उनकी सुरक्षा के लिए क्या किया जा रहा है। नगर निगम तो एनओसी की जाँच करेगा ही लेकिन उसमें कहीं गोलमाल हुआ और बिना सुरक्षा मानकों को पूरा किए ही, एनओसी जारी हो गई तो खतरे में वे लोग ही रहेंगे जो वहाँ रहते हैं।
ऊँची इमारतों की संख्या 100 से अधिक
विगत दिनों नगर निगम ने एक सामान्य सर्वे में यह जाहिर किया था कि शहर में 100 से अधिक इमारतें ऐसी हैं, जिनकी ऊँचाई 15 मीटर या 45 फीट से अधिक है। इनमें होटल, हॉस्पिटल, अपार्टमेंट, शैक्षणिक संस्थान और व्यावसायिक संस्थान आदि शामिल हैं। अब खतरे वाली बात यह है कि शहर में इतनी ऊँची इमारतें तो हैं, लेकिन फायर ब्रिगेड के पास ऐसे साधन नहीं हैं जिनसे इतनी ऊँचाई पर आग को काबू में किया जा सके। दूसरी तरफ शहर की संक्रीण सड़कें भी मुसिबतों को और बढ़ाती है।
Created On :   10 March 2021 2:20 PM IST