मां के अंतिम संस्कार के लिए भटक रहा मासूम, मर्चुरी में 5 दिन से रखा है शव

A 10 year old poor son is wandering for the funeral of his mother
मां के अंतिम संस्कार के लिए भटक रहा मासूम, मर्चुरी में 5 दिन से रखा है शव
मां के अंतिम संस्कार के लिए भटक रहा मासूम, मर्चुरी में 5 दिन से रखा है शव

डिजिटल डेस्क, मंडला। एक तरफ सरकार गरीबों को तमाम योजनाओं से जोड़ने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है, वहीं प्रशासन की उदासीनता के चलते गरीबी में मरने के बाद भी एक महिला का शव पांच दिनों से मर्चुरी में पड़ा हुआ है। मृतक महिला का दस साल बच्चा अपनी मां का अंतिम संस्कार कराने यहां वहां भटक रहा है। उसके पास रुपए भी नहीं है और ना ही रिश्तेदार साथ दे रहे हैं। इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना मंडला के चूना भट्टा क्षेत्र की है।

बताया गया है कि महिला सुकलवती अपने दस साल के बच्चे के साथ चूना भट्टा में एक झोपड़ी में रहती थी। इनके साथ भागवत नाम का व्यक्ति भी रहता था, लेकिन जब से महिला की मौत की खबर उसे मिली उसका कोई अता पता नहीं है। उल्टी दस्त से पीड़ित महिला को पिछले महिने 29 जून को जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया था। करीब आठ दिन तक महिला का इलाज चला, लेकिन उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। जिसके चलते 7 जुलाई को उसकी मौत हो गई। गरीबी में जिंदगी जीने वाली इस महिला का पहले पति की मौत हो चुकी है। मजदूरी करके बच्चें का पेट पालती महिला का भागवत नाम के व्यक्ति ने भी जिंदगी के अखिरी समय में साथ छोड़ दिया।

पुलिस खोज रही रिश्तेदारों को
पांच दिन महिला का शव मर्चुरी में पड़ा हुआ है। इसको लेकर जिला अस्पताल प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब यह बात आमजनों को पता चली तब जाकर पुलिस की मदद ली गई। अब पुलिस के द्वारा महिला के रिश्तेदारों को ढू़ंढा जा रहा है।

मां मर गई इसलिए कराया मुंडन
दस साल के कृष्णा बरकड़े को यह मालूम है कि मां के मरने के बाद सिर का मुंडन कराया जाता है। बच्चे ने अपने बाल दे दिए है, लेकिन वह मां का अंतिम संस्कार नहीं कर पाया है। मां मर्चुरी में पड़ी है और मासूम अकेला अपने घर में किसी की मदद का इंतजार कर रहा है। फटे पुराने कपड़ो में  बदहाल जीवन जीने मजबूर कृष्णा ने बताया है कि बिझिया स्कूल में पढ़ता है और पेट पालने के लिए दुकानों में काम करके पचास रुपए दिन का कमाता है।

इनका कहना है
ऐसे मामले में अंतिम संस्कार के बाद रिश्तेदार पहुंच जाते हैं। फिर भी सीएमएचओ से बात करके अभी तत्काल व्यवस्था बनाई जाएगी।
मनोज ठाकुर, एडीएम

प्रशासन से बात कर के महिला का अंतिम संस्कार कराया जाएगा। पांच दिन तक शव पड़ा रहना किसी भी तरह से ठीक नहीं है।
अखिलेश दुबे, अंतिम संस्कार सेवा समिति

Created On :   13 July 2018 6:17 PM IST

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