मुख्यमंत्री योजना में शादी के बाद नहीं मिला प्रमाण पत्र और दहेज

A couple married in CM marriage program didnt get certificate
मुख्यमंत्री योजना में शादी के बाद नहीं मिला प्रमाण पत्र और दहेज
मुख्यमंत्री योजना में शादी के बाद नहीं मिला प्रमाण पत्र और दहेज

डिजिटल डेस्क, मंडला। सीएम शिवराज चौहान की सबसे लोकप्रिय कन्या विवाह योजना में महाराजपुर निवासी हरीचन्द्र मरावी व फतिमा बेगम ने सरकारी आयोजन में विवाह रचाया था, किंतु समाजिक संगठनों के विरोध और अपत्ति के चलते मामले ने तूल पकड़ लिया। जिला प्रशासन ने योजना से विवादित जोड़े का विवाह निरस्त कर दिया। योजना में पंजीयन निरस्त कर देने से शादी का प्रमाण पत्र और दहेज की राशि नहीं दी जा रही है। इसको लेकर महाराजपुर निवासी हरीचन्द्र मरावी व फतिमा बेगम नगर पलिका मंडला,जिला प्रशासन के चक्कर लगा रहे है लेकिन कोई भी अधिकारी स्पष्ट कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।

बताया जा रहा है कि 24 से 26 अप्रैल को रामनगर में आयोजित आदिउत्सव व पंचायती सम्मेलन में देश के पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर केन्द्रीय मंत्री सीएम और देश भर से प्रतिनिधि शमिल हुए। आदि उत्सव के अखिरी दिन जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से करीब एक हजार जोड़ो का विवाह सम्पन्न कराया। मामले की जांच के दौरान नगरपलिका क्षेत्र में एक और जोड़ा सामने आया। यहां के महाराजपुर रहने वाले हरीचंद्र मरावी और नफीसा बेगम की शादी का।

दोनो के परिवार जनों की सहमति से गरीब जोड़ा ने योजना के लाभ के लिए सात फेरे तो ले लिए, लेकिन अब दो माह बीतने को है लेकिन शादी का प्रमाण पत्र और दहेज की राशि नहीं दी जा रही है। पिछले एक माह से दोनो पति पत्नि यहां वहां भटकने को मजबूर है। मजदूरी कर जीवन यापन करने वाला यह जोड़ा प्रशासन की लापरवाही का खमियाजा भुगत रहा है।

यहां वहा भटक रहे
हरीचन्द्र मरावी का कहना है कि नगरपलिका से लेकर जिला प्रशासन के चक्कर लगा रहे है, लेकिन कोई बताने को तैयार नहीं है कि कब शादी का प्रमाण पत्र और योजना में दी जाने वाली राशि दी जाएगी। नफीसा बेगम का कहना है कि वो तलाक शुदा है छह साल से वह अकेली है। जान पहचान होने के कारण हरीचन्द्र ने उसे सहारा दिया। गरीबी के कारण दोनो के परिवार की सहमति से कन्या विवाह योजना से नगर पलिका मंडला में पंजीयन कराया। यहां तक सब कुछ ठीक रहा है। रामनगर में शादी भी हो गई और सिर्फ चार गिलास चार कटोरी मिली है। अब जब योजना से मिलने वाले लाभ की बात सामने आ रही है तो जिम्मेदारों के द्वारा कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में पंजीयन निरस्त कर दिया गया। जिसके चलते योजना में शादी होने के बाद भी लाभ नहीं मिला है। यहां वहा भटकाया जा रहा है। शादी के लिए दोनो ने स्वंय के दस हजार रूपए आने जाने और अन्य व्यवस्थाओं में खर्च कर दिए है।



लापरवाह कर्मी पर कार्रवाई नहीं
बताया गया है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में रिकार्ड शादी सम्पन्न कराने के लिए जिला प्रशासन का प्रयास विवादों में रहा है। जनपद से लेकर नगरीय निकाय को अधिक से अधिक जोड़ो को लाभांवित करने के लिए दबाब बनाया गया। जिसके चलते नगर पलिका मंडला ने पंजीयन के लिए आने वाले आवदेनों की स्कू्रटनी के बिना योजना में नाम शमिल कर लिया। इस मामले में दो अंर्तजातीय विवाह को जांच के दौरान निरस्त कर दिया गया, लेकिन लापरवाह कर्मचारीयों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिम्मेदारों को कहना है कि इस मामले की अभी भी जांच चल रही है जैसे ही जांच पूरी होगी। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

इनका कहना है
दो अर्तजातीय जोड़े का विवाह सीएम कन्या विवाह योजना में होने का मामला सामने आया है। शादी होने के बाद उनका पंजीयन निरस्त किया गया। जिसके कारण योजना से मिलने वाली राशि का लाभ नहीं मिल पाएगा।
अनिल कोचर, SEO, जिपं मंडला

मामले की जांच चल रही है। विवादित जोड़ो को योजना से बाहर किया गया। शादी का प्रमाण पत्र की बात है तो दोनो विशेष विवाह अधिनियम के तहत आवेदन कर सकतें है। प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
मनोज ठाकुर, ADM
 

Created On :   19 Jun 2018 12:00 PM GMT

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