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जननी एक्सप्रेस के इंतजार में महिला ने तोड़ दिया दम, घर पर प्रसव के बाद बिगड़ी हालत
डिजिटल डेस्क, बड़ागांव धसान/टीकमगढ़। रक्षाबंधन पर मायके आई आदिवासी महिला को सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने आशा कार्यकर्ता को सूचना दी, लेकिन जननी एक्सप्रेस नहीं आई। आखिरकार वाहन के इंतजार में घर पर ही उसने बच्ची को जन्म दिया, लेकिन रक्तस्राव अधिक होने से प्रसूता की हालत बिगड़ती गई। घंटों बाद जब सरकारी वाहन नहीं पहुंचा तो परिजन टैक्सी में प्रसूता को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। प्राथमिक परीक्षण में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची पूर्णत: स्वस्थ है।
आदिवासी महिला खरगापुर क्षेत्र के दोनपटार गांव निवासी थी, जो बड़ागांव धसान क्षेत्र के हैदरपुर गांव अपने मायके आई थी। शासन-प्रशासन प्रसूता सुरक्षा के भले ही लाख दावे करे, लेकिन जमीनी स्तर पर यह खोखले साबित हो रहे हैं। प्रसूता महिलाएं आज भी सरकारी सिस्टम में खराबी की बलि चढ़ रही हैं। बुधवार को बड़ागांव धसान थाना क्षेत्र हैदरपुर गांव में सरकारी तंत्र की लापरवाही खुलकर सामने आई है। जिसकी कीमत एक आदिवासी महिला को अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ी है।
मिली जानकारी की अनुसार बल्देवगढ़ विकास खंड अंतर्गत खरगापुर क्षेत्र के ग्राम दोनपटार निवासी हरि बाई आदिवासी (22) रक्षाबंधन त्योहार पर भाई को राखी बांधने अपने मायके बड़ागांव धसान क्षेत्र के हैदरपुर आई थी। गर्भवती आदिवासी महिला हरि बाई को बुधवार सुबह प्रसव पीड़ा शुरू हुई थी।
प्रसव के बाद टैक्सी में लेकर पहुंचे अस्पताल
हरि बाई आदिवासी के परिजनों ने सुबह 4.00 बजे हैदरपुर गांव की आशा कार्यकर्ता उमा चतुर्वेदी को सूचना दी। अस्पताल ले जाने के लिए वाहन बुलाने का आग्रह किया, लेकिन 5.00 बजे तक जननी एक्सप्रेस नहीं आई। घर पर ही हरि बाई ने एक बच्ची को जन्म दिया, लेकिन इसके बाद प्रसूता की तबीयत बिगड़ने लगी। सुबह 7.00 बजे तक भी जननी एक्सप्रेस नहीं पहुंची। आखिरकार परिजनों ने एक प्रायवेट टैक्सी बुक की और हरि बाई को लेकर सुबह 9.00 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव धसान पहुंचे। जहां प्राथमिक परीक्षण के बाद डॉ. प्रशांत जैन ने हरि बाई को मृत बताया।
परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
हरि बाई की मौत की खबर सुनते ही परिजनों का अव्यवस्था के खिलाफ आक्रोश फूट पड़ा। परिजनों ने आशा कार्यकर्ता और जननी एक्सप्रेस प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों ने कहा कि हरि बाई की पहली डिलेवरी थी। प्रसव पीड़ा शुरू होते ही आशा कार्यकर्ता को खबर कर दी थी। जननी एक्सप्रेस के लिए हमने कई बार फोन लगाया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ। इसलिए परिजनों ने प्रशासन से जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है।
इनका कहना है
हैदरपुर से आई प्रसूता की मौत के मामले में आशा कार्यकर्ता से पूछताछ की गई है। उसने कॉल सेंटर पर फोन करना बताया है। वाहन भेजने के लिए मना किए जाने के संबंध में सीएमएचओ का पत्र लिखा जाएगा। मामले की जांचकर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. आलोक चतुर्वेदी, बीएमओ, बड़ागांव धसान
Created On :   23 Aug 2018 1:51 PM IST