स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण संघर्ष की एक पुरजोर कोशिश!

A vigorous effort to fight for health challenges!
स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण संघर्ष की एक पुरजोर कोशिश!
स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण संघर्ष की एक पुरजोर कोशिश!

डिजिटल डेस्क | खेदूराम सिन्हा ने 30 दिनों में जीती जिंदगी की जंग - हॉस्पिटल के डॉक्टर, नर्स एवं स्टाफ द्वारा शिद्दत से की गई कोशिश हुई सफल - ऑक्सीजन सेचुरेशन 39 से पहुंचा 94 तक| कोविड-19 ने मानवता को जितनी असहनीय पीड़ा दी है, उससे लडऩे के लिए आज मानवीय संवेदना और करूणा की सबसे ज्यादा जरूरत है। स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण संघर्ष की एक पुरजोर कोशिश कोविड-19 ट्रीटमेंट हॉस्पिटल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोमनी में दिखाई दी जहां मरीज के परिजन के मजबूरीवश हॉस्पिटल में नहीं होने पर हॉस्पिटल के डॉक्टर, नर्स एवं स्टाफ ने मानवता के नाते कोविड-19 पॉजिटिव मरीज की समर्पित भाव से सेवा की।

64 वर्षीय बुजुर्ग श्री खेदूराम सिन्हा 30 दिनों के लंबे संघर्ष के बाद कोरोना से जंग जीत सके। जब हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे तब उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 39 था जो अब बढ़कर 94 हो गया है। ग्राम देवादा के 64 वर्षीय बुजुर्ग श्री खेदूराम सिन्हा ने बताया कि एक माह पहले कोविड-19 के गिरफ्त में आए थे, तब से तबियत खराब होने लगी। शुरूआती 3 दिन स्थिति काफी गंभीर थी। उन्होंने बताया कि सोमनी हॉस्पिटल में उन्हें बहुत अच्छा इलाज मिला और अपनी हिम्मत, आत्मविश्वास तथा डॉक्टर, नर्स एवं स्टाफ की सेवा से वे इस बीमारी से ठीक हो सके।

अब वे स्वस्थ होकर अपने घर वापस आ गए हैं और अच्छा महसूस कर रहे है। उन्होंने वहां के डॉक्टर एवं नर्स को धन्यवाद दिया है एवं उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उनके बेटे श्री मनोज सिन्हा ने बताया कि पिता के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद परिवार के अन्य सदस्यों के भी कोरोना पॉजिटिव होने से स्थिति विकट हो गई। उन्होंने बताया कि वे ग्राम सचिव के पद पर कार्यरत हैं और पूरे परिवार की देखरेख करने तथा ड्यूटी की वजह से हॉस्पिटल में नहीं रूक पाए। ऐसी संकट की घड़ी में डॉक्टर एवं नर्स ने उनकी बहुत मदद की। डॉ. राहुल त्रिपाठी ने बताया कि बुजुर्ग श्री खेदूराम सिन्हा जब हॉस्पिटल में एडमिट हुए थे तब उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 39 था।

इन परिस्थितियों में वे अतिगंभीर श्रेणी के मरीज थे। उनका इलाज चुनौतीपूर्ण रहा। उनके इलाज के लिए पूरे स्टाफ ने काफी मेहनत की। लंबे समय तक उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत रही। सभी के अथक प्रयासों से वे अब स्वस्थ हो गए हैं। हॉस्पिटल के डॉ. रोनित वर्मा, डॉ. कमलेश ठाकुर, स्टाफ नर्स श्रीमती ज्योति नेताम, श्रीमती वंदना वर्मा, श्रीमती प्रभा साहू, श्रीमती मधु श्वेता, रेणु जोशी एवं भारती चंद्रवंशी सभी प्रतिबद्धतापूर्व अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

Created On :   13 May 2021 8:52 AM GMT

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