युवक ने 12.50 रुपए के चक्कर में गंवाए 20 हजार, वेतन नहीं मिला तो कंपनी की कार ले गए कर्मचारी

A young man lost 20 thousand rupees in fraud
युवक ने 12.50 रुपए के चक्कर में गंवाए 20 हजार, वेतन नहीं मिला तो कंपनी की कार ले गए कर्मचारी
युवक ने 12.50 रुपए के चक्कर में गंवाए 20 हजार, वेतन नहीं मिला तो कंपनी की कार ले गए कर्मचारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। साइबर अपराधी ठगी करने के लिए नए-नए फंडे अपना रहे हैं। एक युवती ने नौकरी दिलवाने के नाम पर एमआईडीसी क्षेत्र के एक युवक से पहले फार्म भरवाए और फिर उसके बैंक खाते से करीब 20 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। रुपए मिलते ही युवती ने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। जब तक युवक को समझ में आता तब तक काफी देर हो चुकी थी। ठगी की यह घटना 24 दिसंबर-2019 से 4 मार्च-2020 के बीच हुई। पीड़ित युवक अरविंदकुमार शर्मा ने साइबर पुलिस सेल में शिकायत की। जांच के बाद  22 मई को यह मामला एमआईडीसी थाने में दर्ज किया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार  प्रियदर्शनी होस्टल नं.-4  के सामने  वैशाली नगर, नागपुर  निवासी अरविंदकुमार शर्मा (44)  नौकरी की तलाश में था। 24 दिसंबर-2019 को उसके मोबाइल पर दो अलग-अलग मोबाइल नंबर से एक युवती का फोन आया। युवती 4 मार्च-2020 तक लगातार अरविंदकुमार के संपर्क में बनी रही। इस दौरान युवती ने अरविंदकुमार को अपना परिचय अदिति अशोक प्रतापसिंग शर्मा के रुप में देकर उससे यह बात जान ली कि, उसे नौकरी की तलाश है। आदिति ने अरविंदकुमार से कहा कि, उसके पास फिलहाल एक नौकरी है। तुमको एक फार्म भरना होगा। फार्म  भरने के बदले में 12.50 रुपए मिलेंगे। अरविंदकुमार उस अपरिचित युवती के झांसे में आ गया। युवती ने अरविंदकुमार को बताया कि, 15 दिन में 1,000 फार्म भरने पर अच्छी खासी कमाई होगी। युवती ने फार्म भरवाते समय अरविंदकुमार से उसका पैन कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी ले ली। पश्चात 15 दिन में उससे 448 फार्म भरवा लिए। यह फार्म उसे महज बेवकूफ बनाने का जरिया था। आदिति ने फार्म के भरने के बाद अरविंदकुमार से एनओसी, जीएसटी  व फाइल अपडेट चार्जेस के नाम पर 19,982 रुपए फोन पे द्वारा अपने अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। बाद में अपना  मोबाइल फोन स्वीच ऑफ कर दिया। कई बार प्रयास करने के बाद भी जब अरविंदकुमार का आदिति से कोई संपर्क नहीं हुआ, तब उसने एमआईडीसी थाने में शिकायत की। जांच के बाद पुलिस ने आरोपी युवती आदिति शर्मा के खिलाफ धारा 420, 34, सहधारा 66(सी)(डी) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

वेतन नहीं दिया, तो कंपनी की कार ले गए कर्मचारी

उधर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को लॉकडाउन में कर्मचारियों को वेतन नहीं देना महंगा पड़ा। वेतन के बदले कर्मचारी कंपनी का वाहन ले गए। एमआईडीसी थाने में कंपनी के चार कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का प्रकरण दर्ज किया गया है। मेघा कंस्ट्रक्शन कंपनी को समृद्धि महामार्ग का ठेका मिला है। हिंगना तहसील के कान्होलीबारा परिसर में कंपनी का काम जारी है। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद कंपनी का काम बंद पड़ा है। इस दौरान कर्मचारी और मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था कंपनी की ओर से की गई, लेकिन कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया। कंपनी ने कर्मचारियों को बताया था कि, कंपनी का पैसा बाहर फंसा होने के कारण उन्हें वेतन नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद जैसे ही कंपनी को बाहर से पैसा मिलेगा, कर्मचारियों को वेतन दिया जाएगा। 

आईआरसीटीसी का अधिकृत एजेंट पकड़ा गया

शनिवार को आरपीएफ ने एक टिकट दलाल को 3 लाइव टिकट के साथ धरदबोचा। आरोपी के पास 27 हजार रुपए की टिकटें मिलीं। इसके अलावा 29,500,38 रुपए की पुरानी 17 टिकटें पाई गईं। आरोपी से 56 हजार रुपयों की टिकटों सहित लैपटॉप, प्रिंटर सहित कुल 86,600,16 रुपए का माल जब्त किया गया। आरोपी का नाम जयेश नटवरलाल छतवार (50),  निवासी लकड़गंज आईआरसीटीसी का अधिकृत एजेंट है। वह नकली आईडी से यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग कर रहा था।  एक दिन पहले मंडल सुरक्षा आयुक्त का प्रभार संभालते ही आशुतोष पांडेय एक्टिव हो गए थे। उन्हें जानकारी मिली कि, सतनामी नगर में एक तय आईडी से नियत अंतराल पर लगातार टिकटें बुक की जा रही हैं। उन्होंने सेंट्रल रेलवे और एसईसीआर के सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट की मदद से जयेश का पता निकाला और छापा मारने का आदेश दिया। 

Created On :   24 May 2020 6:25 PM IST

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