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मेरा बाप चोर है...तख्ती लिए घूम रहा युवक, जानिए क्यों कर रहा ऐसा?
डिजिटल डेस्क, वर्धा। पहले उस आदमी का सिगनेचर लेकर आओ जिसने मेरे हाथ पर लिख दिया मेरा बाप चोर है। दीवार फिल्म का यह डायलाग किसी जमाने में सुर्खियों में था। वर्धा में इन दिनों मेरा बाप चोर है कि तख्ती लिए घूम रहा युुवक चर्चा में हैं। दरअसल माता-पिता के तलाक के बाद पाई-पाई को तरसते बेटे ने पिता से पढ़ाई के लिए रूपए देने का अनुरोध किया, लेकिन जब पिता ने नहीं सुनीं तो उसने विद्रोह करते हुए सार्वजनिक रूप से पिता के खिलाफ अभियान छेड़ दिया। फिल्मी अंदाज में उसने एक फलक बनवाया जिसमें लिखा कि, मेरा पिता चोर है और यह फलक लेकर अब वह पूरे शहर में घूम रहा है। पिता के खिलाफ उसने जो कदम उठाया, वह शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। फलक हाथ में थामे युवक की फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।
जानकारी के अनुसार धूनीवाले मठ परिसर के कठाणे लेआऊट निवासी नरेंद्र उभाटे पिछले 20-22 वर्ष से खेत खरीदकर लेआऊट बनाने और फिर प्लॉट बेचने का व्यवसाय करते आ रहे हैं। इस व्यवसाय में नरेंद्र उभाटे ने आय के साथ-साथ शोहरत भी अर्जित की है। उनके दो पुत्र हैं। पत्नी से उनकी नहीं बन पायी और वर्ष 2016 में नरेंद्र उभाटे ने अपनी पत्नी शीतल को तलाक दे दिया। तलाक होने के बाद बेटा शशांक पिता नरेंद्र उभाटे के साथ रहने लगा जबकि छोटा बेटा तन्मय मां के पास रह रहा है। नरेंद्र उभाटे ने पत्नी शीतल को तलाक देते समय शीतल के साथ पुत्र तन्मय के गुजारे के लिए उनके नाम कानगांव के समीप 22 एकड़ खेती का बक्षीसपत्र कर दिया, लेकिन यह खेती नरेंद्र उभाटे के ही नाम पर है। इस बीच उन्होंने बक्षीसपत्र पर दी गई 22 एकड़ खेती को HDFC बैंक में गिरवी रखकर 1 करोड़ 20लाख रुपए का कर्ज उठा लिया है। ऐसे में पुत्र तन्मय का कहना है कि, खेत पर कर्ज लेकर पिता ने उनके साथ धोखाधड़ी की है।
उधर तलाक पत्र में उभाटे ने तन्मय की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने की बात भी लिखकर दी है लेकिन उसकी पढ़ाई के लिए रुपए उपलब्ध नहीं करवाए, जिसे लेकर तन्मय ने नाराज होकर उपरोक्त तरीका अपनाया। नरेंद्र उभाटे द्वारा जमीन बैंक में गिरवी रखने की जानकारी मिलते ही तन्मय और उसकी मां शीतल ने इस संबंध में तलाकनामा के न्यायालयीन आदेश जोड़कर वर्धा शहर पुलिस थाने में इस संबंध में रिपोर्ट भी दर्ज करवायी है।
तन्मय ने पिता नरेंद्र को वाट्स अप पर यह संदेश लिखकर भेजा है कि, आपने हमें फंसाने के लिए जानबूझकर खेत का फेरफार नहीं होने दिया, ऊपर से उसी खेती पर 60 लाख रुपए का कर्ज भी ले लिया। मेेरी शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने से भी इंकार कर दिया। मुझे पॉलिटेक्निक में 73 फीसदी अंक मिले हैं और मुझे अब बीई करना है। आगे की पढ़ाई के लिए पैसों की आवश्यकता है परंतु खेत पर कर्ज उठाकर आपने मेरे भविष्य के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। आप अपने नए परिवार के साथ खुश हैं, परंतु हमें भी चैन से जीने दें। मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए, केवल जो मेरा है उस खेत का फेरफार करें, जिसके भरोसे पर मैं अपनी शिक्षा पूरी कर अपने पैरों पर खड़ा रह सकूं। यदि इस ओर अनदेखी करेंगे तो सभी दस्तावेज नागरिकों को दिखाकर जनता से समर्थन व न्याय मांगकर आपको समझाएंगे, फिर इसके लिए मुझे दोष मत देना।
दस्तावेजों की जांच-पड़ताल जारी
नरेंद्र उभाटे के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत प्राप्त हुई है। इस संबंध में उभाटे की पूर्व पत्नी शीतल उभाटे ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी। फिलहाल दस्तावेजों की जांच-पड़ताल चल रही है।
(सी.ए. मदने थानेदार, वर्धा शहर थाना)
मेरे भविष्य का क्या?
तलाकनामा में मेरी पढ़ाई का खर्च व मेरे हिस्से में 11 एकड़ खेती देने का वादा पिता ने किया था, लेकिन उन्होंने मुझसे पूछे बगैर ही HDFC बैंक में 11 एकड़ खेती गिरवी रखकर 60 लाख रुपए का लोन उठा लिया। मैं पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा मैकेनिकल पास हुआ हूं। मुझे इंजीनियरिंग कॉलेज में बीई द्वितीय वर्ष में प्रवेश लेना है। मेरे पास प्रवेश फीस व वार्षिक फीस भरने के लिए भी पैसे नहीं है। मेरा भविष्य तबाह होने की कगार पर है।
(तन्मय नरेंद्र उभाटे, जिजाऊ नगर, नालवाड़)
वर्धा आकर चर्चा करता हूं
उपरोक्त मामले को लेकर जब नरेंद्र उभाटे से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि, मैं हिंगणघाट में हूं, वर्धा आकर आपसे से चर्चा करता हूं।
यह लिखा है फलक में
जो फलक लिए युवक घूम रहा है, उसमें उसने मराठी में लिखा है, मेरा बाप वर्धा का लेेआउट व्यवसायी नरेंद्र उभाटे चोर है। मेरे चोर बाप ने मुझे 60 लाख रुपए से फंसाया है।
Created On :   18 Jun 2018 11:24 AM IST