आराध्य ग्रुप: तीन महीने में की दो करोड़ की टैक्स चोरी

Aaradhya Group: Tax evasion of two crores in three months
आराध्य ग्रुप: तीन महीने में की दो करोड़ की टैक्स चोरी
25 अवैध खदानों से निकाली करोड़ों की रेत आराध्य ग्रुप: तीन महीने में की दो करोड़ की टैक्स चोरी

डिजिटल डेस्क जबलपुर। जिले का रेत ठेका संचालित करने वाले आराध्य ग्रुप ने तीन महीने में करीब दो करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। यह जानकारी सेन्ट्रल जीएसटी की इंवेस्टीगेशनविंग को बीते चौबीस घंटे की जाँच में पता चली है। सूत्रों के अनुसार जाँच के दौरान जीएसटी टीम को अधिकृत रेत ठेके से जुड़े दस्तावेजों के अलावा अवैध रूप से संचालित होने वाली करीब 25 खदानों का भी पता चला है। इसके अलावा कंपनी में साइलेंट पार्टनरों के बारे में अहम जानकारियाँ मिली हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले िदनों में सीजीएसटी के अलावा दूसरी जाँच एजेन्सियाँ भी इस मामले में कार्रवाई कर सकती हैं।
मार्च 2021 से जून के बीच हुई टैक्स चोरी-
बताया गया है कि आराध्य ग्रुप को मार्च 2020 में जबलपुर जिले की 43 अधिकृत रेत खदानों का ठेका करीब 33 करोड़ रुपए में आवंटित हुआ था। लेकिन कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लागू होने पर कंपनी ने मई 2020 से रेत िनकालने का काम शुरू किया था। जीएसटी के नियमों के तहत ठेका कंपनी को खदानों से रेत निकालकर बेचने के लिए एडवांस रॉयल्टी जमा करनी होती है। जिसमें 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स देना पड़ता है। आराध्य ग्रुप ने फरवरी 2021 तक 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स जमा किया। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद मार्च 2021 से जून 2021 के बीच कंपनी ने महज 5 प्रतिशत जीएसटी टैक्स जमा कराया। इसी गड़बड़ी की वजह से मंगलवार की रात इंवेस्टीगेशन टीम ने आराध्य ग्रुप के राइट टाउन और शताब्दीपुराम स्थित कार्यालयों पर छापेमारी की थी। दोनों जगहों पर जाँच दल रात को भी कम्प्यूटर, फाइलें और अन्य चीजों की जाँच में जुटा रहा।
पैनाल्टी के साथ होगी रिकवरी-
सेन्ट्रल जीएसटी की टीम ने रात भर दस्तावेज खँगालने के बाद करीब दो करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकडी है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जाँच पूरी होने के बाद कंपनी से पैनाल्टी के साथ िरकवरी की जाएगी।
चार अधिकृत पार्टनर-
खनिज विभाग के अधिकारियों के अनुसार आराध्य ग्रुप में ब्रजेश सुहाने, हेमराज राव, फैलाद िसंह और रंजीत ठाकुर की पार्टनरशिप है। वहीं सूत्रों की मानें तो रेत ठेकों में भाजपा-कांग्रेस के नेताओं के अलावा कई बड़े व्यापारी और रसूखदार भी साइलेंट पार्टनर हैं।
कंपनी ने माँगी मोहलत-
सेन्ट्रल जीएसटी के अफसरों का कहना है कि कंपनी के संचालकों ने अपने सीए और टैक्स एडवोकेट से बातचीत करके रिकवरी का पैसा जमा करने के लिए कुछ दिनों की मोहलत माँगी है। लिहाजा उन्हें एक सप्ताह का समय दे दिया गया है।

Created On :   18 Aug 2021 10:30 PM IST

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