बेहतर दक्षता और विकेंद्रीकरण के लिए भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के निदेशक मंडल के पुनर्गठन को एसीसी की मंजूरी
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के निदेशक मंडल (बोर्ड) के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सेल के एकीकृत इस्पात संयंत्रों के चार मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के पद का कद बढ़ाकर उसे कार्यात्मक निदेशक का पद बनाकर मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को बोकारो, राउरकेला और भिलाई संयंत्र का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया जाएगा तथा बर्नपुर और दुर्गापुर इस्पात संयंत्रों के लिए संयुक्त रूप से एक निदेशक नियुक्त किया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत सेल बोर्ड के निदेशक (तकनीकी और लॉजिस्टिक्स) और निदेशक, परियोजना और व्यापार योजना) के कार्य और कर्तव्यों का निदेशक (तकनीकी) के पद के साथ विलय कर इन पदों का निदेशक (तकनीकी, परियोजनाएं और कच्चे माल) के रूप में पुनर्गठन किया जाना शामिल है। कंपनी के पुनर्गठित बोर्ड में अब कंपनी अधिनियम 2013 के अनुरूप अध्यक्ष, निदेशक (वित्त), निदेशक (वाणिज्य), निदेशक (तकनीकी, परियोजना और कच्चा माल), निदेशक (कार्मिक) तथा एकीकृत संयंत्रों के प्रभारी निदेशक और गैर-सरकारी निदेशक और दो सरकार द्वारा नामित निदेशक होंगे। बोर्ड के पुनर्गठन से कंपनी के कामकाज का और अधिक विकेन्द्रीकरण करने में सुविधा होगी। संयंत्रों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को एसीसी की ओर से प्रत्यक्ष रूप से निदेशक बना दिए जाने से कंपनी के प्रशासनिक कार्यों में वह और अधिक शक्तियों के साथ अपनी बात रख सकेंगे जिससे त्वरित निर्णय लेने में सुविधा होगी। नई व्यवस्था से कंपनी के तेजी से आधुनिकीकरण और विस्तार कार्यक्रम में भी मदद मिलेगी। सेल ने अपनी पुरानी और नयी परियोजनाओं के विस्तार के माध्यम से उत्पादन क्षमता 50 मिलियन टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसे ध्यान में रखते हुए ही 2017 में बनाई गई राष्ट्रीय इस्पात नीति के तहत 2030-31 तक देश में इस्पात उत्पादन क्षमता 300 मिलियन टन करने की सोच को समाहित किया गया है। प्रभारी निदेशकों की नियुक्ति से कंपनी के एकीकृत संयंत्र चुनौतीपूर्ण वैश्विक वातावरण में अधिक दक्षता के साथ काम कर सकेंगे।
Created On :   26 Sept 2020 1:42 PM IST