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7 माह की अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास
डिजिटल डेस्क, टीकमगढ़। 7 माह की अबोध बालिका के साथ दुराचार के मामले की सुनवाई तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश नीतूकांता वर्मा द्वारा की गई। विचारण के बाद मामला दोष सिद्ध पाते हुए विदुषी न्यायाधीश ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। शासन की ओर से मामले की पैरवी कर रहे जिला अभियोजन अधिकारी आरसी चतुर्वेदी ने बताया कि पीड़िता की मां ने पृथ्वीपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका पिता परमानंद रैकवार एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए आया था। रात करीब 1.00 बजे जब वह अपनी पुत्री को शौच कराने घर के बाहर गई थी, इस बीच घर में उसकी एक पुत्री और पुत्र घर के कमरे में सो रहे थे। रात के समय जब उसकी पुत्री के रोने की आवाज आई तो उसने मौके पर जाकर देखा तो वह हतप्रभ रह गई। उसकी पुत्री के साथ आरोपी परमानंद उर्फ परमा रैकवार ने सोते समय दुराचार की घटना को अंजाम दिया है।
पुलिस ने शिकायत पर धारा 376 (2) आईपीसी और 5 आई/6 पाक्सो एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना के बाद चालान न्यायालय में पेश किया। आज मामले की सुनवाई बाद फैसला सुनाते हुए तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी परमानंद उर्फ परमा रैकवार पुत्र बल्दू रैकवार उम्र 45 साल निवासी ग्राम पाली थाना जतारा को धारा 376 (2) एफ आईपीसी के तहत दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं 1 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। बताया गया है कि आरोपी शेष जीवन तक जेल में ही रहेगा।
पहले भी बालक के साथ अप्राकृतिक लैंगिक हमला
जिला अभियोजन अधिकारी आरसी चतुर्वेदी ने बताया कि प्रकरण में अभियोजन की ओर से आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड भी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बताया गया है कि आरोपी द्वारा इसके पूर्व भी थाना ताजगंज आगरा के प्रकरण में एक बालक के साथ अप्राकृतिक लैंगिक हमला किया जा चुका है। धारा 377 के तहत उसने 7 वर्ष का कारावास भुगता है। न्यायालय के समक्ष अभियोजन ने आरोपी को कठोर से कठोर दंड दिए जाने की अपील की। न्यायाधीश ने आरोपी को आजीवन कारावास से दंडित किया। इसके साथ पीड़िता को जघन्य अपराध पर क्षतिपूर्ति दिए जाने का आदेश भी दिया है।
Created On :   24 Aug 2018 1:33 PM IST