- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- अपनी सरकार बनाना चाहते थे...
अपनी सरकार बनाना चाहते थे भीमा-कोरेगांव मामले के आरोपी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीमा-कोरेगांव के एल्गार परिषद मामले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मुंबई की विशेष अदालत में आरोपियों के खिलाफ आरोपों का मसौदा पेश किया। जिसमें एनआईए ने दावा किया है कि इस मामले से जुड़े आरोपी अपनी सरकार बनाना चाहते थे और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना चाहते थे। सोमवार को पेश किए गए आरोपों के मसौदे में 15 आरोपियों के खिलाफ 17 आरोपों का उल्लेख किया गया है। मामले से जुड़े आरोपी इस प्रकरण में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 115, 121, 121ए, 124ए, 153ए, 505(1) बी व 34, अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून (यूएपीए) कानून के तहत आरोपियों के खिलाफ धारा 13,16,17,18, 18ए, 18 बी, 20,38, 39 व 40 के तहत आरोप लगाए गए हैं। एनआईए ने दावा किया है कि आरोपी प्रतिबंधक संगठन सीपीआई (माओवादी) के सक्रिय सदस्य थे। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, वरनन गोंसल्विस, वरवरा राव, हैनी बाबू, आनंद तेलतुंबडे, सोमा सेन व गौतम नवलखा सहित अन्य आरोपी शामिल हैे।
एनआईए की ओर से कोर्ट में पेश किए गए आरोप के मसौदे के मुताबिक आरोपियों का उद्देश्य क्रांति के जरिए जनता की सरकार बनाना था। इसके साथ ही आरोपी भारत सरकार व महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ युद्द छेड़ना चाहते थे। इसके साथ ही आरोपियों ने एल्गार परिषद की बैठक के दौरान नक्सली साहित्य बांटा था और वहां पर भड़काऊ गाने बजाए थे।
मुकदमे की शुरुआत से पहले आरोपियों पर आरोप तय करना पहला कदम होता है। जिसके तहत अभियोजन पक्ष आरोपियों पर लगाए गए आरोपों का मुकदमे में इस्तेमाल होनेवाले सबूतों के साथ वर्णन करता है। इसके बाद कोर्ट आरोपियों से पूछता है कि क्या वे आरोपों को स्वीकार करते है या अस्वीकार। यदि आरोपी आरोपों को अस्वीकार करते हैं तो आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की शुरुआत होती है।
Created On :   23 Aug 2021 8:31 PM IST