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राज्य के दूसरे जिलों की अपेक्षा सबसे अधिक 51 रिश्वतखोरों पर हुई कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में सरकारी कार्यालयों व अन्य कुछ विभागों से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक विभाग) बनाया गया है। यह विभाग उन रिश्वतखोर अधिकारियों- कर्मचारियों की पोल खोलते हुए धरपकड़ करता है, जो शासकीय व गैर शासकीय कार्यालयों में आने वाले नागरिकों से उनका कार्य करने के बदले में रिश्वत मांगते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी से नवंबर 2021 के बीच राज्य भर में 650 ट्रैप लगाए, जिसमें 925 आरोपी पकड़े गए। इन आरोपियों में से 170 रिश्वतखोर अधिकारी - कर्मचारियों को एक वर्ष बाद भी संबंधित निलंबित नहीं किया गया है। इनमें प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थश्रेणी के अधिकारी- कर्मचारी शामिल हैं।नागपुर परिक्षेत्र में इस साल 59 ट्रैप हुए , जिसमें 78 आरोपी पकड़े गए हैं। 78 में 51 रिश्वतखोर अधिकारी- कर्मचारी ऐसे हैं, जिनको अभी तक निलंबित नहीं किया गया है। इस साल रिश्वतखोरी के ज्यादातर मामले शिक्षण व क्रीड़ा विभाग के अलावा ग्राम विकास विभाग से जुड़े पाए गए। जिन रिश्वतखोरों पर कार्रवाई होने के करीब एक वर्ष बाद भी निलंबित नहीं किया गया है। नागपुर एसीबी के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिन्हें निलंबित नहीं किया गया है, उनके मामले शासन के पास आगे की कार्रवाई के लिए लंबित पड़े हैं। वर्ष 2020 में 526 ट्रैप लगाए गए थे, जिसमें एसीबी ने 722 रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया था। पिछले साल की तुलना में इस साल जनवरी से नवंबर तक यह कार्रवाई करीब 22 प्रतिशत बढ़ी है।
नागपुर व अन्य जिलों की एसीबी परिक्षेत्र के अंतर्गत नागपुर में 51, मुंबई में 17, ठाणे में 24, पुणे में 10, नासिक में 1, अमरावती में 19, औरंगाबाद में 18, नांदेड में 29 रिश्वतखोरों को निलंबित नहीं किया गया। निलंबन की राह देखने वालों में नागपुर परिक्षेत्र के रिश्वतखोरों की संख्या सर्वाधिक है। उसके बाद नांदेड , ठाणे और फिर अमरावती जिले का नंबर आता है।
कहां कितने भ्रष्टाचारी मिले
एसीबी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक प्रथमश्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी में रिश्वतखोरी के मामले में पकड़े गए 170 आरोपियों में नागपुर परिक्षेत्र के 51 रिश्वतखोरों को कब निलंबित किया जाएगा, इस संबंध में एसीबी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी सटीक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। उनका कहना है कि यह शासन के उच्च स्तर का मामला है। उनका निर्णय आने के बाद ही रिश्वतखोरों को निलंबित किया जाएगा। संबंधित विभाग द्वारा निलंबन की कार्रवाई की जाती है।
हर साल दक्षता जनजागृति अभियान चलाया जाता है। इस अभियान के दौरान सभी सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार निर्मूलन के लिए के लिए बाकायदा शपथ ली जाती है। बाद में इस कसम की ऐसी तैसी करते अधिकारी- कर्मचारी नजर आते हैं। इस साल भी अक्टूबर माह में एसीबी ने नागपुर सहित वर्धा, भंडारा , चंद्रपुर, गोंदिया और गड़चिरोली में भी शासकीय कार्यालयों में भ्रष्टाचार निर्मूलन के पोस्टर और बैनर चिपकाए थे।
Created On :   8 Nov 2021 5:04 PM IST