गैर जरुरी सामान बेच रही ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ हो कार्रवाई - हाईकोर्ट

Action should be taken against e-commerce companies selling non-essential goods - High Court
गैर जरुरी सामान बेच रही ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ हो कार्रवाई - हाईकोर्ट
गैर जरुरी सामान बेच रही ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ हो कार्रवाई - हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि क्या लॉकडाउन के दौरान जारी पाबंदियों के बीच फुटकर दुकानदारों को भी फेरीवालों जैसी राहत दी जा सकती हैं। हाईकोर्ट ने सरकार को उन ई-कामर्स वेबसाईट के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जो ऑनलाइन तरीके से गैर जरूरी सामान बेच रही हैं। हाईकोर्ट में फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में दावा किया गया है कि सरकार ने उन सभी दुकानों को बंद कर रखा है, जो अति आवश्यक श्रेणी में नहीं आती है। इससे रिटेल दुकानदारों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि ई-कॉमर्स कंपनिया राज्य भर में पाबंदियों के बीच गैरजरूरी सामान लोगों के घरों पर पंहुचा रही हैं। याचिका में मांग की गई है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान याचिकाकर्ताओ को संपत्तिकर व लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क से माफी दी जाए। 

कोर्ट ने पूछा, खुदरा दुकानदारों को दे सकते हैं फेरीवालों जैसी राहत 

मंगलवार को अवकाशकालीन न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति एम जे जामदार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को स्पष्ट करने को कहा कि लॉकडाउन के दौरान जैसी राहत फेरीवाले को दी गई है क्या वैसी राहत याचिकाकर्ता को प्रदान की जा सकती हैं। इससे पहले अतिरिक्त सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने कहा कि सरकार ने शासनादेश जारी कर सभी रिटेलर व ई-कामर्स कंपनियों के गैर जरूरी सामान बेचने पर रोक लगाई है। इस पर खंडपीठ ने सरकार को हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि उसने ई-कामर्स कंपनियों पर नियंत्रण के लिए कौन से कदम उठाए है। जिससे वे सरकार की ओर से जारी की गई आदर्श परिचालन संहिता (एसओपी) का पालन करें। खंडपीठ ने कहा कि सरकार सुनिश्चित करें कि उसकी एसओपी का पालन हो और नियमों का उल्लंघन करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। खंडपीठ ने फिलहाल राज्य सरकार व मुंबई महानगरपालिका को याचिका में उठाए गए मुद्दे को लेकर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है और याचिका पर सुनवाई 21 जून 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है। 


 

Created On :   25 May 2021 7:26 PM IST

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