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अजित पवार ने कहा - मारपीट की धमकी दे रहे शिंदे गुट के विधायक के खिलाफ हो कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून अधिवेशन की पूर्व संध्या पर विपक्ष ने शिंदे सरकार के चायपान का बहिष्कार कर दिया। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि शिंदे सरकार लोकतंत्र और संसदीय परंपराओं की चिथड़े उड़ाकर सत्ता में आई है। विश्वासघात के पैरे पर खड़ी सरकार को अभी कानून मान्य नहीं है। शिंदे सरकार से संबंधित मामले सुप्रीम कोर्ट में चल रहे हैं। अजित ने कानून व्यवस्था को लेकर शिंदे सरकार को जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दलों के विधायकों में सत्ता की मस्ती छा गई है।
शिवसेना के शिंदे गुट के विधायक महाराष्ट्र में संघर्ष कराने की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। विधायक तोड़फोड़ और मारमीट की धमकी दे रहे हैं। विधायक कानून को अपने हाथ में लेने लगे हैं। मंगलवार को विपक्ष ने बुधवार के शुरु हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र में शिंदे सरकार को घेरने के लिए विधानभवन में बैठक की। बैठक में राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना, समाजवादी पार्टी (सपा), शेकाप और लोकभारतीय के विधायक मौजूद थे।
गुंडागर्दी कर रहे विधायकों को शिंदे-फडणवीस रोकते क्यों नहींॽ
बैठक के बाद विधानभवन में पत्रकारों से बातचीत में अजित ने शिंदे गुट के मुंबई से विधायक प्रकाश सुर्वे का नाम लिए बिना कहा कि 15 अगस्त के दिन एक विधायक शिवसैनिकों का हाथ पैर तोड़ने के लिए लोगों को उकसा रहे थे। हिंगोली के शिंदे गुट के विधायक संतोष बांगर का नाम का उल्लेख किए बगैर विपक्ष के नेता ने कहा कि एक विधायक ने सरकारी कर्मचारी को मारा है। कुछ विधायक मामला दर्ज होने के बाद अपने स्वभाव में परिवर्तन नहीं कर रहे हैं। अजित ने सख्त लहजे में कहा कि यह विधायक खुद को क्या समझते हैं? सत्ता आ गई है तो विधायकों में मस्ती छा गई है क्या? इन विधायकों को रोका क्यों नहीं जा रहा है? विधायकों की करतूत को महाराष्ट्र के लोग खुली आंखों से देख रहे हैं। विधायकों की यह भाषा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को स्वीकार है क्या? अजित ने कहा कि कानून हाथ में लेने की कोशिश करने वाले सत्ताधारी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यह कार्रवाई नजर भी आनी चाहिए। कार्रवाई में मिलीभगत नहीं होनी चाहिए। ऐसा न हो की कागज पर गिरफ्तारी दिखाकर तुरंत जमानत मिल जाए। ऐसी नौंटकी नहीं चलने देंगे।
अभी तक किसानों को नहीं मिली मदद
अजित ने कहा कि पिछले दो महीनों में भारी बारिश और बाढ़ से हुए फसलों को नुकसान के लिए किसानों को सरकार ने एनडीआरएफ निधि की तुलना में दोगुना मदद देने की घोषणा की है। लेकिन सरकार की मदद किसानों के आखों में धूल झोंकने वाली है। सरकार ने किसानों को अभी तक मदद राशि उपलब्ध नहीं कराई है। अजित ने कहा कि सरकार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में गिला सूखा घोषित करना चाहिए। सरकार को नुकसान प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 75 हजार रुपए की मदद देनी चाहिए। फलबाग को हुए नुकसान के लिए प्रति हेक्टेयर 1 लाख 50 हजार रुपए देना चाहिए। खेतिहर मजूदरों के लिए एकमुश्त मदद राशि घोषित किया जाना चाहिए। अतिवृष्टि प्रभावित इलाकों के विद्यार्थियों की शैक्षणिक फीस माफ किया जाना चाहिए। अजित ने कहा कि आपदा के कारण लगभग 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों का नुकसान होने का अनुमान है। यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। क्योंकि भंडारा सहित दूसरे कई जिलों में बारिश जारी है।
दागियों को मंत्री बनाना गलत
पूजा चव्हाण आत्महत्या मामले में आरोपों के घेरे में आए संजय राठोड़ को मंत्री बनाए जाने के सवाल पर अजित ने कहा कि दागियों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करना चाहिए था। अजित ने कहा जाता है कि मुख्यमंत्री ने राठोड को मंत्रिमंडल में शामिल किया है। हालांकि राठोड़ को मंत्री बनाए जाने को लेकर भाजपा सहज नहीं थी। भाजपा को इस पर अपनी भूमिका स्पष्ट करना चाहिए।
उद्धव इस्तीफा देने की बजाय विधान परिषद में आएं
अजित ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते समय गलतफहमी के चलते विधान परिषद के सदस्य पद का इस्तीफा भी राज्यपाल के पास भेज दिया था। जबकि विधान परिषद का इस्तीफा सदन के सभापति को दिया जाता है। लेकिन हम चाहते हैं कि उद्धव विधान परिषद के सदस्य पद से इस्तीफा न दे। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री के नाते एक वजनदार व्यक्ति के सदन में रहने पर विधान परिषद में विपक्ष में अलग वातावरण बनेगा।
मंत्रिमंडल में दागी मंत्रियों का समावेश -दानवे
विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि मंत्रिमंडल में दागी मंत्रियों को शामिल किया गया है। उन्होंने कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक मंत्री ने अपने बच्चों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) परीक्षा के रिजल्ट में अनियमितता करके सरकारी नौकरी दिलाने की कोशिश की है। दानवे ने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था को लेकर लापरवाह है। भंडारा में दुष्कर्म की घटना हुई है। सत्ताधारी विधायक मारने की धमकी दे रहे हैं। दानवे ने कहा कि शिंदे सरकार ने पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार की कई फैसलों को पलट दिया है। सरकार ने पिछले 50 दिनों में लगभग 750 शासनादेश जारी किया है। सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए तत्काल धन राशि उपलब्ध कराया है। लेकिन सरकार के पास किसानों को मदद राशि उपलब्ध कराने के लिए पैसे नहीं हैं।
Created On :   16 Aug 2022 8:55 PM IST