मनमुटाव खत्म कर लोक अदालतों में सुलझाऐं विवाद -एडीजे

ADJ DK Paliwal say about lok adalat in shahdol district
मनमुटाव खत्म कर लोक अदालतों में सुलझाऐं विवाद -एडीजे
मनमुटाव खत्म कर लोक अदालतों में सुलझाऐं विवाद -एडीजे

डिजिटल डेस्क शहडोल । न्याय के क्षेत्र में लोक अदालत लंबे समय से चले आ रहे विवादों को मिनटों में सुलझाने का सबसे सशक्त माध्यम है। क्योंकि इसके फैसले दीर्घकालिक होते हैं। उक्ताशय की बात एडीजे डीके पालीवाल ने पत्रकारवार्ता में कही। इस वर्ष आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालतों के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित कांफ्रेंस में न्यायाधीश ने कहा कि लड़ाई झगड़ों से कुछ हासिल नहीं होता। छोटी मोटी बातों से शुरु हुआ विवाद जब न्यायालय तक पहुंच जाते हैं तो न्याय मिलने में पीढिय़ां गुजर जाती हैं। ऐसे मे लोक अदालतों का महत्व बढ़ जाता है। क्योंकि यहां पर आपसी राजीनामे से पुराने से पुराने विवादों का निपटारा होता है। पारिवारिक विवाद हों, बैंकों से संबंधी प्रकरण हों अथवा समझौता योग्य अपराधिक प्रकरण, सभी आपसी समझौतों से निपटते हैं।
                                        न्यायाधीश पालीवाल ने कहा कि सबसे अहम बात यह है कि लोक अदालत में किसी भी पक्ष की हार नहीं होती। दोनों विजेता होते हैं। यहां निर्णित फैसलों को कहीं चुनौती नहीं दी जा सकती। क्योंकि इसमें दोनों ही पक्ष राजी होते हैं। एडीजे ने बताया कि इस वर्ष पांच नेशनल लोक अदालतों का आयोजन किया जा रहा है। इसका लाभ आम जनों को उठाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पहली लोक अदालत 10 फरवरी को, दूसरी 14 अपै्रल को, तीसरी 14 जुलाई को, चौथी 8 सितंबर को तथा पांचवी लोक अदालत 8 दिसंबर को आयोजित की जाएंगी। पत्रकार वार्ता में एडीजे अनुज कुमार मित्तल एवं जिला विधिक अधिकारी बीडी दीक्षित भी मौजूद थे।
इतने केस रखे जाएंगे-

जिला विधिक सेवा अधिकारी बीडी दीक्षित ने बताया कि 10 फरवरी को आयोजित होने वाले लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन स्तर पर बिजली चोरी, बिजली भुगतान संबंधी 400 प्रकरण, दूर संचार संबंधी 90, नगरपालिका अंतर्गत जलकर के 600, बैंक रिकव्हरी के लगभग 600 प्रकरण रखे जाएंगे, जिनका निराकरण होगा। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी तक की स्थिति में न्यायालयों में मोटर दुर्घटना दावा संबंधी 632 प्रकरण लंबित हैं। जिसमें से जिला न्यायालय में 220, लिंक कोर्ट बुढ़ार में 72 तथा एडीजे कोर्ट ब्यौहारी में 340 प्रकरण लंबित हैं। इन कुल 632 में 225 प्रकरण लोक अदालत रेफर किए गए हैं। समस्त न्यायालयों को मिलाकर 3985 सिविल, 17156 क्रिमिनल केस लंबित हैं। समझौता योग्य प्रकरणों को लोक अदालत में निराकरण के लिए रखा जाएगा।

 

Created On :   25 Jan 2018 1:56 PM IST

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