नोटराइज दस्तावेज क आधार पर दत्तक को कानूनी नहीं माना जा सकता

Adoption cannot be considered legal on the basis of a notarized document
नोटराइज दस्तावेज क आधार पर दत्तक को कानूनी नहीं माना जा सकता
नोटराइज दस्तावेज क आधार पर दत्तक को कानूनी नहीं माना जा सकता

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बच्चे के दत्तक को लेकर सिर्फ नोटराइज दस्तावेज को कानूनी रुप से वैध नहीं माना जा सकता है। बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में इस बात को स्पष्ट किया है। यहीं नहीं हाईकोर्ट ने उस दंपति को नाबालिग बच्ची को सौपने से इंकार कर दिया है। जिसने 20 हजार रुपए के बदले बच्ची को उसकी जैविक मां से लिया था। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटाले की खंडपीठ ने एक दंपति की याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। दंपति ने याचिका में दावा किया था कि उन्होंने बच्ची को उस समय गोद लिया था जब वह महज दो सप्ताह की थी। इसके लिए हमने बच्ची की जैविक मां को 20 हजार रुपए दिए थे।जिससे वह अपना इलाज करा सके और दूसरे खर्चों को पूरा कर सके। दंपति के मुताबिक  उन्होंने बच्ची को खरीदा नहीं था। दंपति ने अपने दावे को पुख्ता करने के लिए खंडपीठ के सामने बच्ची के गोद लेने से जुड़े नोटराइज दस्तावेज भी पेश किए।

बाल कल्याण कमेटी(सीडबल्यूसी) की छानबीन के बाद इस मामले का खुलासा हुआ था। सीडबल्यूसी से पूछताछ में बच्ची की मां ने कहा था कि चूंकि दंपति की अपनी खुद की कोई संतान नहीं थी। इसलिए मैंने नेक इरादे से बच्ची को दंपति को दिया था। इस दौरान बच्ची की जैविक मां ने स्वीकार किया कि उसने दंपति से अपने इलाज के लिए 20 हजार रुपए लिए थे। इसके साथ ही उसने कहा था कि उसकी माली हालत ठीक नहीं है। वह बच्चे का पालन पोषण कर पाने में भी सक्षम नहीं है। 

मामले से जुड़े तथ्यों व नोटराइज दस्तावेजों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि यह दस्तावेज यह नहीं दर्शाते है कि गोद लेने की प्रक्रिया हिंदु दत्तक अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत हुई है। हमारे सामने कुछ भी ऐसा पेश नहीं किया गया है जो यह दर्शाए की बच्ची को गोद लेते समय उपरोक्त अधिनियम का पालन किया गया हो। जिससे दत्तक वैध होता है। लिहाजा महज नोटराइज दस्तावेज के आधार पर दत्तक को वैध नहीं मान सकते है। यह दस्तावेज वैध दत्तक पत्र नहीं हो सकता। इसके आधार पर मामले से जुड़ा दंपति बच्ची को सौपने का दावा नहीं कर सकता है। खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में सीडब्लयूसी ने नियमों के तहत कार्य किया है। 
 

Created On :   19 March 2021 7:58 PM IST

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