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3 महीने बाद बीमा कंपनी कह रही कि आज मिले दस्तावेज - कोरोना कवच पॉलिसी धारक का आरोप: बीमा कंपनी हमारे साथ कर रही चालबाजी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संक्रमण को देखते हुए लाखों की संख्या में आम लोगों ने कोरोना कवच पॉलिसी ले ली थी। पॉलिसी धारकों को विश्वास था कि जब उन्हें जरूरत होगी तो बीमा कंपनी सहारा देगी, लेकिन जब कोरोना से बीमित संक्रमित हुए तो उन्हें कैशलेस तो दूर की बात है आज तक अस्पताल व दवाइयों का बिल बीमा कंपनी ने नहीं दिया। बीमित लगातार बीमा कंपनी में सारे डॉक्यूमेंट्स सबमिट कर चुके हैं पर बीमा कंपनी यह कह रही है कि अभी हमें दस्तावेज नहीं मिले हैं। जब उन्हें ऑफिस से रिसीव होने वाले प्रमाण या फिर मेल से भेजी गई जानकारी के बारे में बताया जाता है तो यह जवाब दिया जा रहा है कि हमें आज ही उक्त दस्तावेज रिसीव हुए हैं। तरह-तरह से बीमा कंपनी परेशान कर रही है और सही उत्तर देने की बजाय पॉलिसी धारकों को गुमराह करने में लगी हुई है। टोल-फ्री हो या फिर बीमा ऑफिस के नंबरों पर पीडि़त बात करते हैं तो वहाँ से भी क्लेम भुगतान की सही जानकारी नहीं दी जाती। परेशान होकर बीमित अब न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
केस.1 - महीनों से अटका क्लेम
गंगा नगर निवासी गीता सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने कोरोना कवच पॉलिसी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से ली थी। बीमा कंपनी ने वादा किया था कि कोरोना संक्रमण का शिकार होने पर उन्हें पूरा क्लेम दिया जाएगा और अस्पताल में कैशलेस भी कराया जाएगा। अप्रैल 2021 में कोरोना संक्रमण का शिकार होने पर सिटी अस्पताल में गीता को परिजनों ने भर्ती कराया था। अस्पताल में उनका लगातार इलाज चला और इस दौरान करीब पाँच लाख का खर्च आया। अस्पताल में कैशलेस नहीं होने पर परिजनों ने पूरा भुगतान किया। ठीक होने के बाद बीमा कंपनी में मेल के माध्यम से सारे दस्तावेज भेज दिए गए। जब वहाँ से किसी तरह का जवाब नहीं आया तो गीता के परिजनों ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी में संपर्क किया और कंपनी के जिम्मेदार को बताया कि तीन महीने पहले हमने दस्तावेज भेज दिए थे तो वहाँ से काफी देर बाद जवाब आया कि आपके दस्तावेज आज ही हमें मिले हैं। पीडि़तों का आरोप है कि बीमा कंपनी पॉलिसी धारकों को क्लेम न देना पड़े इसलिए लेटलतीफी करने में लगी है और अचानक नो क्लेम का लैटर भेज देगी। पीडि़ता का कहना है कि उनके परिचित के साथ भी ऐसा ही किया गया था।
केस.2 - नकद करना पड़ा भुगतान
दमोहनाका निवासी संजय ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से कोरोना कवच पॉलिसी ली थी। वे कोरोना संक्रमण का शिकार होने पर मेट्रो अस्पताल में भर्ती हो गए थे। अस्पताल में इलाज के दौरान कैशलेस नहीं हुआ तो उन्होंने अस्पताल का पूरा भुगतान किया। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद बीमा कंपनी में सारे दस्तावेज के साथ क्लेम किया था। उन्होंने ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन दस्तावेज जमा किए थे। यहाँ तक की मेल के माध्यम से भी सारी जानकारियाँ दी थीं। एक माह पूर्व बीमा कंपनी ने क्वेरी लैटर भेजा था। उस क्वेरी का जवाब हमारे द्वारा दे दिया गया था और उम्मीद लगाए थे कि जल्द ही हमें क्लेम मिल जाएगा पर बीमा कंपनी के थर्ड पार्टी के द्वारा फिर से वही क्वेरी लैटर भेज दिया गया जो एक माह पूर्व भेजा गया था। पीडि़त का आरोप है कि बीमा कंपनी लगातार हमें परेशान कर रही है। क्लेम का भुगतान न करना पड़े इसलिए तरह-तरह की गलतियों को पकडऩे में लगी है। कोरोना कवच पॉलिसी धारकों के साथ बीमा कंपनी इस तरह का व्यवहार कर रही है कि जैसे बीमित व्यक्ति चोर है। पीडि़त का कहना है कि वे बीमा कंपनी को यहाँ तक बोल चुके हैं कि अस्पताल के सीसी कैमरों से फुटेज निकलवाकर चैक कर लें, जिससे उन्हें विश्वास हो जाए कि मेरा उपचार हुआ है।
Created On :   9 Jun 2021 2:16 PM IST