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आखिर शहर के नालों में कहां से आए मगरमच्छ, दैनिक भास्कर की मेगा पड़ताल में सामने आए तथ्य
डिजिटल डेस्क, नागपुर। इन दिनों शहर के नाग नाले में दिखने वाले मगरमच्छ चर्चा में हैं। विभिन्न जगहों पर इन्हें देखा गया है। ऐसे में नाग नाले में एक से ज्यादा मगरमच्छ होने की भी आशंका जताई जा रही है। लेकिन यह मगरमच्छ आखिर आए कहां से, इसके बारे में न तो वन विभाग जानता है, न ही मनपा को पता है। लेकिन भास्कर पड़ताल में यह बात सामने आई है कि नाले में दिखाई देने वाले मगरमच्छ महाराजबाग के हो सकते हैं।
एक से ज्यादा हैं
नाले में दिखाई देने वाले मगरमच्छ गत 2 महीने में दो बार चर्चा का विषय बने हैं। पहली बार शहर के पत्रकार सहनिवास के पीछे बहते नाले में काले पानी से बाहर निकलकर गटर के ढक्कन पर बैठे देखा गया था। तब पहला वीडियो किसी ने वायरल किया था। हालांकि वन विभाग को यह देखने को नहीं मिला था। इसके बाद हाल ही में मोक्षधाम घाट के पास बहते नाले में मगरमच्छ देखने का वीडियो वायरल हुआ है। दोनों जगह में अंतर बहुत ज्यादा है। एक्सपर्ट की मानें तो यदि गहरा पानी नहीं हो, तो मगरमच्छ ज्यादा दूरी तय नहीं कर पाते। ऐसे में शहर में अलग-अलग जगहों पर दिखाई देने वाले मगरमच्छ एक से ज्यादा हो सकते हैं। वन विभाग के साथ मिलकर कुछ वन्यजीवों के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने भी आस-पास के लोगों से बात करने के बाद नाले में एक साथ दो मगरमच्छ देखने की बात कही थी। इससे नाले में एक से ज्यादा मगरमच्छ की मौजूदगी स्पष्ट हो रही है।
विपरीत परिस्थिति में भी जिंदा
जुलाई 2019 में महाराजबाग में एक मगरमच्छ ने अंडे दिये थे, जिसमें से 7 बच्चे निकले थे, जो बाड़े में ही प्रशासन को देखने को मिले थे। लेकिन इस बीच एक दिन तेज बारिश के कारण पूरे परिसर में पानी जमा हो गया था। मगरमच्छ के बाड़े तक पानी भर गया। पानी सुरक्षा दीवार तक पहुंचने से मगरमच्छ के बच्चे आसानी से इससे बाहर निकल गए और पास से गुजर रहे नाले में पहुंच गये। एक्सपर्ट की मानें तो कुछ बच्चे मर गए होंगे, वहीं कुछ विपरीत परिस्थिति में भी जिंदा रहे हैं। वे अब बड़े हो गए हैं और संभवत: वही नालों में दिखाई दे रहे हैं।
नाले में दिखने वाले मगरमच्छ लगभग डेढ़ से दो साल के
जानकारों के अनुसार, मगरमच्छ की लंबाई उसके उम्र के साथ बढ़ती है। एक मगरमच्छ 3 साल में 6 से 7 फीट तक लंबा हो सकता है। वहीं 2 साल में 4 से 6 फीट का रह सकता है। नाले में दिखाई देने वाले मगरमच्छों की लंबाई लगभग 5 फीट तक मानी जा रही है। ऐसे में महाराजबाग से गायब होने वाले मगरमच्छ के बच्चे व नाले में दिखाई देने वाले मगरमच्छ की उम्र लगभग समान ही आ रही है।
मगरमच्छ ने रेत में दिए थे अंडे
जू प्रशासन को उस समय यह भी जानकारी नहीं थी कि लाए गए मगरमच्छ मेल हैं या फीमेल। पता लगाने के लिए ताड़ोबा से एक्सपर्ट बुलाने की जरूरत महसूस हुई, लेकिन जू में केवल दो ही मगरमच्छ होने से उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। बाड़े में रेत नहीं होने से मगरमच्छ सालों से इसी स्थिति में रहे। वर्ष 2016 में एक एक्सपर्ट ने यहां विजिट दी तो, उसने पिंजरे में पानी के आस-पास रेत रखने के लिए कहा, ताकि रेत पर आकर मगरमच्छ धूप सेंक सके। इसके बाद वर्ष 2019 में मगरमच्छ ने रेत में अंडे दिये, जिससे 7 बच्चे निकले थे।
नहीं है कोई रिकॉर्ड
जू प्रशासन के पास मगरमच्छ के बच्चों को लेकर कोई अधिकृत रिकॉर्ड ही नहीं है। बच्चे छोटे-छोटे रहते वक्त ही वह गायब हो जाने से इस संदर्भ में रिकॉर्ड नहीं बताने की जानकारी संबंधित अधिकारियों ने दी है।
Created On :   15 Dec 2021 6:03 PM IST