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डीजीपी की नियुक्ति के बाद हाईकोर्ट ने खारिज की इससे जुड़ी याचिका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्त के बाद बांबे हाईकोर्ट ने इससे जुड़ी जनहित याचिका खारिज कर दी है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की समिति की सिफारिश के मुताबिक राज्य में पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति को लेकर यह याचिका दाखिल की गई थी। पिछले साल अप्रैल महीने से संजय पांडे कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर काम कर रहे थे। इस मामले में कोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने रजनीश सेठ को पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया है। राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोणी ने मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मकरंद कार्णिक की खंडपीठ को बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के प्रमुख रजनीश सेठ को 18 फरवरी को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त कर दिया गया है। कुंभकोणी ने अदालत को राज्य सरकार द्वारा जारी शासनादेश की प्रति और उनके पद ग्रहण करने संबंधी रिपोर्ट भी सौंपी। अदालत को बताया गया कि 18 नामों में से यूपीएससी की समिति ने जिन तीन नामों की सिफारिश की थी उनमें से एक को डीजीपी बनाया गया है। बता दें कि यूपीएससी की ओर से हेमंत नागराले, रजनीश सेठ और के वेंकटेशम के नाम की रिफारिश की गई थी। राज्य सरकार ने जो सूची भेजी थी उसमें राज्य के वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी संजय पांडे का नाम नहीं था। लेकिन पिछले साल अप्रैल महीने में सुबोध जायसवाल के तबादले के बाद संजय पांडे को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया था। साथ ही राज्य सरकार ने यूपीएससी से अपील की थी कि वह डीजीपी के पद के लिए पांडे के नाम पर भी विचार करे क्योंकि भूल वश उनका नाम सूची में नहीं डाला गया था। लेकिन यूपीएससी ने इससे इनकार कर दिया था। हालांकि अदालत ने पांडे पर राज्य सरकार की मेहरबानी को लेकर सवाल उठाए थे। साथ की राज्य सरकार को साफ करने को कहा था कि वह 21 फरवरी तक यूपीएससी द्वारा सुझाए नामों को लेकर कोई फैसला करेगी या नहीं। डीजीपी की नियुक्ति की जानकारी मिलने के बाद अदालत ने वकील दत्ता माने द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी।
Created On :   21 Feb 2022 8:59 PM IST