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घोटाले के बाद संरक्षित क्षेत्र घोषित हुआ ई-टेण्डरिंग
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के बहुचर्चित ई-टेण्डरिंग घोटाले के बाद अब जाकर राज्य सरकार ने ई-टेण्डर जारी करने वाले ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल को भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के तहत संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है। जबकि यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए थे।
दरअसल ई-टेण्डरिंग घोटाले की ईओडब्ल्यु द्वारा की गई अब तक की जांच में सामने आया था कि ई-टेण्डरिंग पोर्टल को संरक्षित क्षेत्र घोषित ही नहीं किया गया है। इसी कारण से अब, इसमें बाहरी व्यक्तियों द्वारा सेंध लगाने की घटनाएं हुईं तथा घोटाले किए गए। यदि संरक्षित क्षेत्र घोषित रहता तो इसमें सेंध लगाने वाले बाहरी व्यक्तियों पर सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही की जा सकती थी।
स्टेट डाटा सेंटर में आता है ई-टेण्डर
ई-टेण्डर यानि ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल मप्र इलेक्टानिक विकास निगम के स्टेट डाटा सेंटर के अंतर्गत आता है। जिसका कार्यालय भोपाल के अरेरा हिल्स पर है। यहां स्टेट वाईड एरिया नेटवर्क यानि स्वान भी है। राज्य सरकार ने स्वान एवं स्टेट डाटा सेंटर, दोनों को अब संरक्षित क्षेत्र घोषित किया है। इसमें इन दोनों केंद्रों के हार्डवेयर और साफ्टवेयर, सूचना परिसम्पत्तियों, लाजिस्टिक अधोसंरचना और डीपेंडेंसिज आदि को शामिल किया गया है।
संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत जहां ई-टेण्डरिंग पोर्टल पर पहुंच का अधिकार इलेक्ट्रानिक विकास निगम के नामांकित अधिकारियों एवं सहकर्मियों, अनुबंधित स्टेट डाटा सेंटर आपरेटर के इलेक्ट्रानिक विकास निगम द्वारा अधिकृत कर्मियों, अनुबंधित क्लाउड सर्विस प्रोवाईडर के इलेक्ट्रानिक विकास निगम द्वारा अधिकृत कर्मियों तथा इलेक्ट्रानिक विकास निगम द्वारा अधिकृत व्यवसाय सहभागियों को दिया गया है। वहां स्वान में पहुंच का अधिकार इलेक्ट्रानिक विकास निगम के नामांकित अधिकारियों एवं सहकर्मियों, अनुबंधित फैसिलिटी मैनेजमेंट प्रोवाईडर के इलेक्ट्रानिक विकास निगम द्वारा अधिकृत कर्मियों, इलेक्ट्रानिक विकास निगम द्वारा अधिकृत अन्य थर्ड पार्टी वेंडर्स और इसके सहभागियों तथा इलेक्ट्रानिक विकास निगम द्वारा अधिकृत व्यवसाय सहभागियों को दिया गया है। इन दोनों सेंटरों में अधिकृत किए गए व्यक्तियों के अलावा अन्य बाहरी व्यक्ति द्वारा छेड़छाड़ करने हेतु इसमें घुसपेठ की जाती है, तो यह सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत अपराध होगा।
इनका कहना है
‘‘ई-टेण्डरिंग घोटाले की जांच करने वाली एजेन्सी ने जब बताया कि ई-टेण्डरिंग पोर्टल संरक्षित क्षेत्र घोषित ही नहीं किया गया है, तो इस पर अब यह कार्यवाही की गई है।’’
नंद किशोर ब्रम्हे, ओएसडी, ई-प्रोक्योरमेंट, स्टेट डाटा सेंटर, भोपाल
Created On :   15 Aug 2018 12:37 PM IST