यूनिवर्सिटी की फटकार के बाद कॉलेज ने टीचर को वापस सेवा में लिया

After the university s rebuke the college took back the teacher
यूनिवर्सिटी की फटकार के बाद कॉलेज ने टीचर को वापस सेवा में लिया
यूनिवर्सिटी की फटकार के बाद कॉलेज ने टीचर को वापस सेवा में लिया

डिजिटल डेस्क,नागपुर। यूनिवर्सिटी के आदेश के बाद अंतत:  बी.पी. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल वर्क, हनुमान नगर ने सस्पेंड की गई शिक्षिका वंदना महात्मे को सेवा में वापस लिया है। कॉलेज ने उन्हें नौकरी ज्वाइन करने के लिए लेटर भी लिखा है, लेकिन कॉलेज ने इसी के साथ शिक्षिका के खिलाफ नई  विभागीय जांच भी शुरू कर दी। कॉलेज ने एक और पत्र थमाकर विभागीय जांच से गुजरने के आदेश शिक्षिका को दिए हैं। शिक्षिका ने  कहा कि ज्वाइनिंग के पहले ही दिन उनके खिलाफ एक और नई विभागीय जांच बिठा दी गई है। जबकि इसके पहले ही 6 माह तक वे विभागीय जांच से गुजर चुकी हैं, इस तरह नई जांच बिठाना उन्हें परेशान करने का एक तरीका है। विभागीय जांच का कारण कॉलेज प्रबंधन ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि कॉलेज के ही एक अधिवक्ता पर महात्मे ने हाथ उठा दिया था। ऐसे में एक महीना उनके खिलाफ जांच चलेगी, जो सीसीटीवी कैमेरों की निगरानी में होगी।

यह था प्रकरण
इंस्टिट्यूट के अनुसार शिक्षिका ने कॉलेज प्राचार्य पर कई तरह के अारोप लगाए थे, जिसके बाद कॉलेज ने शिक्षिका के खिलाफ विभागीय जांच बैठाई थी। रिपोर्ट में दोषी मानकर 10 फरवरी को उन्हें निलंबित किया गया, जिसके खिलाफ शिक्षिका ने यूनिवर्सिटी के पास अपील की थी। आदेश में यूनिवर्सिटी कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे ने कहा था कि महाराष्ट्र विवि अधिनियम के अनुसार कोई भी कॉलेज मान्यता प्राप्त शिक्षक को बगैर विवि की अनुमति के इस तरह निलंबित नहीं कर सकता। ऐसे में महात्मे का निलंबन नियमों के विरुद्ध है, उन्हें तत्काल सेवा में वापस लिया जाए।

यूनिवर्सिटी ने दी थी मान्यता रद्द करने की चेतावनी 
दरअसल बीते दिनों यूनिवर्सिटी कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे ने बीते दिनों शिक्षिका को फौरन सेवा में लेने के आदेश संस्थान को दिए थे, मगर कॉलेज ने यूनिवर्सिटी के इस आदेश को सिरे से खारिज कर कोर्ट में विचाराधीन निलंबन के मामले पर फैसला आने देने का बहाना बनाया था।  इसका संज्ञान लेते हुए यूनिवर्सिटी कुलगुरु ने शुक्रवार को कॉलेज के प्राचार्य डॉ. लक्ष्मीकांत तुलनकर, और संचालक संस्था के पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया था। कुलगुरु ने पूछा था कि विवि का आदेश नहीं मानने वाले कॉलेज की मान्यता रद्द क्यों न की जाए। सोमवार तक शिक्षिका को सेवा में वापस नहीं लेने पर कॉलेज की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी थी। 

Created On :   17 April 2018 10:08 AM GMT

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