तेवर में मिले सदियों पुराने जेवर, हैरान कर रही नक्काशी

Age-old jewelry found in Tavar, astonishing carvings
तेवर में मिले सदियों पुराने जेवर, हैरान कर रही नक्काशी
तेवर में मिले सदियों पुराने जेवर, हैरान कर रही नक्काशी

त्रिपुर सुंदरी मंदिर के पीछे पुरातत्व विभाग की टीम कर रही है खुदाई, काँच और मिश्रित धातुओं के आभूषणों में है अजब आकर्षण
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
तेवर स्थित त्रिपुर सुंदरी मंदिर के पीछे चल रही पुरातत्व विभाग की खुदाई के दौरान हर दिन नई और रोचक जानकारियाँ सामने आ रही हैं। अब तक की खुदाई में 7वीं सदी के महल, मकान, बर्तन, मूर्तियाँ मिल थे, लेकिन हाल ही में मिट्टी, काँच और मिश्रित धातुओं से बने कई तरह के जेवर मिले हैं। खुदाई करने वाले पुरातत्वविदों का कहना है कि मिट्टी से बनीं चूडिय़ाँ, काँच और मिश्रित धातु की अँगूठी, गुरिया की माला, कान के बाले और मंगलसूत्रों की नक्काशी में आज भी वही आकर्षण नजर आ रहा है जो 7वीं सदी में होगा। जेवरों में बनीं डिजाइनें देखकर ऐसा मानना है कि उस कल्चुरीकाल में भी महिलाओं में काफी दीवानगी रही होगी। 
मिट्टी की हर परत का रंग बदला मिला 
तेवर के आसपास कल्चुरीकालीन जीवन काल मौजूद था, इसको लेकर भी प्रमाण जुटाए गए हैं। पुरातत्वविदों का कहना है कि खुदाई के दौरान मिट्टी की हर परत का रंग बदला हुआ मिला है। पहली परत में गीली और धूल का वास्तविक रंग मिला, दूसरी परत में मिट्टी हल्के गुलाबी रंग की नजर आई और तीसरी परत में पत्थर और मिट्टी दोनों ही में हल्का पिस्ता कलर नजर आने लगा है। जिससे साबित होता है कि यहाँ सदियों पूर्व जीवनशैली विकसित थी।  
राजवंश की महारानियों के हो सकते हैं जेवरात 
एएसआई की टीम का कहना है कि जेवर उस स्थान की खुदाई में मिले हैं, जहाँ कुछ दिन पूर्व कल्चुरीकालीन महलों के पिलर व दीवारें मिलीं थीं। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि धरती से निकले जेवर कल्चुरीकाल की राजवंशी महारानियों के हो सकते हैं। हालाँकि इसको लेकर अभी असमंजस बना हुआ है,जिसके लिए देश के जाने-माने पुरातत्वविदों से भी संपर्क करके जानकारियाँ जुटाई जा रही हैं। 
तीसरी लेयर तक हुई खुदाई 
पुरातात्विक नियमों के तहत जबलपुर सर्किल की टीमें डॉ. महेन्द्र पाल की निगरानी में त्रिपुर सुंदरी मंदिर के आसपास कई स्थानों में खुदाई का काम कर रही हैं। छोटी गैंती, चाकू, सॉफ्ट व हार्ड ब्रश के जरिए धीरे-धीरे किए जाने वाले इस काम में तीसरी लेयर की खुदाई पूरी कर ली गई है। डॉ. पाल के अनुसार खुदाई के लिए 10-10 मीटर के संभावित स्थानों की स्टडी के बाद उन्हें चार भागों में बाँटकर इस तरह खुदाई की जाती है जिससे पुरातनी चीजों को किसी तरह का नुकसान न पहुँचे। 
इनका कहना है
तेवर स्थित त्रिपुर सुंदरी मंदिर के आसपास की खुदाई में कल्चुरीकालीन मिट्टी , काँच और मिश्रित धातुओं के अनमोल आभूषण मिले हैं, इनकी नक्काशी का आकर्षण इनके पुरातनी महत्व को बखूबी दर्शा रहा है। 
डॉ. सुजीत नयन पुरातत्व विद व अधीक्षक जबलपुर सर्किल पुरातत्व विभाग 

Created On :   25 March 2021 2:33 PM IST

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