एम्स का विश्लेषण : लॉकडाउन नहीं होता, तो अप्रैल में ही 50 हजार मामले होते 

AIIMS analysis: If there was no lockdown, then in April itself there would have been 50,000 Corona cases
एम्स का विश्लेषण : लॉकडाउन नहीं होता, तो अप्रैल में ही 50 हजार मामले होते 
एम्स का विश्लेषण : लॉकडाउन नहीं होता, तो अप्रैल में ही 50 हजार मामले होते 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना महामारी और उसके प्रबंधन को लेकर  एम्स नागपुर ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि आखिर किन कारणों से कोरोना संक्रमण  को रोकने में हम विफल रहे। इसके लिए एम्स ने बिंदुवार विश्लेषण किया। एम्स का मानना है कि लॉकडाउन ने कोरोना संक्रमण रोकने में अहम भूमिका निभाई है। अगर लॉकडाउन नहीं होता तो देश में मई की जगह अप्रैल में ही 50 हजार मामले सामने आ जाते।

होम क्वारेंटाइन के लिए कमजोर नीति

नागपुर में पॉजिटिव आए लोगों के करीबियों को स्थिति के अनुसार, होम क्वारेंटाइन और संस्थागत क्वारेंटाइन  किया गया। हालांकि होम क्वारेंटाइन किए गए लोग हाथ में ठप्पा लगाए खुलेआम घूमते-फिरते रहे। बता दें कि फूड एंड ड्रग विभाग के सहायक आयुक्त चंद्रकांत पवार होम क्वारेंटाइन होने के बावजूद कार्रवाई के लिए इतवारी पहुंचे थे, जिसे लेकर काफी बवाल मचा था। 

शहरी मलीन बस्तियों की खराब पर्यावरणीय स्थिति

मोमिनपुरा, सतरंजीपुरा और नाइक तालाब में पर्यावरणीय स्थिति भी कोरोना संक्रमण फैलने के लिए जिम्मेदार रही। अत्यधिक घनी आबादी, छोटे घरों में ज्यादा लोगांे के रहने के कारण वहां संक्रमण तेजी से फैला।
सक्रिय मामलों की खराब मॉनिटरिंग भी बनी वजह
कई मामलों में पॉजिटिव के करीबी और संपर्क को क्वारेंटाइन करने में काफी समय लगा। मोमिनपुरा के एक इमारत में कई लोगों के पॉजिटिव मिलने के बावजूद मनपा बाकी लोगों को कई दिन तक क्वारेंटाइन करने में नाकाम रही। ढोबीनगर की एक महिला की मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो तीन दिन बाद परिजनों को क्वारेंटाइन किया गया।

श्रमशक्ति की कमी

‘सारी’ जैसी स्थिति के लिए कुशल श्रमशक्ति की कमी और लाेगों का शहरों से गांव की ओर पलायन को भी उन्होंने लापरवाही में गिना है। 

थर्मल स्क्रीनिंग में परेशानी

एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग व्यवस्था के सफल नहीं होने, हेल्थ संबंधी सेल्फ डिक्लियरेंश और थर्मल स्क्रीनिंग संदिग्ध यात्रियों की पहचान करने में पूरी तरह से सटीक नहीं होने के कारण संक्रमण को नहीं रोका जा सका।

Created On :   3 July 2020 4:00 PM IST

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