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एयर पॉल्यूशन -धूल व धुआँ सबसे बड़ी चुनौती, इससे हो रहा ज्यादा प्रदूषण
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत मिलेगी 59 करोड़ की राशि, कई कठोर निर्णय लेने की तैयारी में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और नगर निगम
डिजिटल डेस्क जबलपुर । एयर पाल्यूशन के बढ़ते प्रभाव को कंट्रोल में रखने के िलए शहर को नॉन अटेंमेंट सिटी में शामिल किया गया है। इसके तहत केन्द्र सरकार की मदद से एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए 59 करोड़ की राशि भी मिलने वाली है। इस बीच शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारणों पर जब नजर डाली गई, तो पता चला कि 60 फीसदी प्रदूषण डस्ट यानी धूल से हो रहा है। इसमें रोड डस्ट, टायर डस्ट और कंस्ट्रक्शन एण्ड डिमोलाइजेशन डस्ट शामिल है। इसके बाद अनफिट वाहनों के धुएँ से भी हवा प्रदूषित हो रही है और इन सभी को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व नगर निगम मिलकर कार्य योजना तैयार कर रहे हैं। शहर की आबादी भी 10 लाख से अधिक है इसलिए शहर के वायु प्रदूषण स्तर में कमी लाने के लिए केन्द्र सरकार ने 59 करोड़ रुपए की राशि प्रस्तावित की है, जिससे एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए कार्य किए जाएँगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके लिए एक रिपोर्ट भी तैयार की है जिसे भोपाल से अनुमति मिलते ही कार्य शुरू कराए जाएँगे।
धूल खराब कर रही आबोहवा
खुदाई करके सड़कों के किनारे डाल दी जाती है और जब यह धूल बनकर उड़ती है तो इससे सर्वाधिक एयर पॉल्यूशन होता है। सड़कों पर वाहनों के चलने से टायर का घिसाव होता है और यह भी डस्ट का एक बड़ा कारण है। साथ ही निर्माण कार्य, तोडफ़ोड़ आदि से भी धूल उड़ती है। सड़कों के गड्ढों से उडऩे वाली धूल भी इसमें खासी मददगार है।
फिलहाल शहर की हवा कम प्रदूषित
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स के अनुसार 0 से 50 स्तर को अच्छा माना जाता है और 51 से 100 के स्तर को मॉडरेट यानी सीमित कहा गया है। शहर की हवा अभी इसी स्तर के बीच की है जो खतरनाक नहीं है। 101 से 150 के स्तर को संवेदनशील लोगों के लिए ठीक नहीं माना जाता है जबकि 151 से 200 तक के लेवल को खराब माना जाता है। दिल्ली में कई जगह 301 से 500 का लेवल होता है जो कि बेहद खराब है।
इनका कहना है
शहर की हवा को अधिक प्रदूषित होने से रोकने के लिए हमने रिपोर्ट तैयार की है जिसे भोपाल भेजा जा रहा है और वहाँ से निर्देश मिलते ही शहर में कार्य किए जाएँगे। हालाँकि अभी भी हम शहर की हवा पर लगातार निगरानी करते हैं और समय-समय पर कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं।
-आलोक जैन, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
Created On :   24 July 2021 6:21 PM IST