मध्य प्रदेश की सभी सरकारी वेबसाईट होगी दिव्यांग फ्रेंडली

All government websites of Madhya Pradesh will be handicapped friendly
मध्य प्रदेश की सभी सरकारी वेबसाईट होगी दिव्यांग फ्रेंडली
मध्य प्रदेश की सभी सरकारी वेबसाईट होगी दिव्यांग फ्रेंडली

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मप्र सरकार के सभी विभागों की वेबसाईट्स अब दिव्यांग फ्रेंडली बनेंगी। इसके लिए सभी विभागों को 30 अक्टूबर 2017 तक का समय दिया गया है। मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह के निर्देश पर सभी विभागों से सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा है कि वे अपने विभाग एवं कार्यालयों की वेबसाईट दिव्यांग फ्रेंडली बनाने के लिए भारत सरकार की निर्धारित संस्था अथवा एनआईसी के माध्यम से उन्हें गाईडलाईन फार इंडियन गवर्मेंट वेबसाईट (GIGW) तथा वेब कन्टेंट एक्सेसिबिलिटी गाईडलाईन (WCAG) के अनुसार विकसित करें।


दरअसल भारत सरकार ने 30 मार्च 2017 को मप्र सरकार से कहा था कि वे अपनी वेबसाईटों को दिव्यांगजनों की सुविधानुसार बनाएं। इसके लिए केंद्र सरकार ने अपनी नामांकित इरनेट इंडिया संस्था के माध्यम से आरवी सोल्युशन प्रा. लि. को इन वेबसाईटों को GIGW एवं WCAG अनुसार बनाने के लिए अधिकृत किया है जिन्हें उनके कार्य का भुगतान भारत सरकार करेगी तथा राज्य सरकार के विभागों कों नहीं करना है, लेकिन तब से अब तक राज्य के सरकारी विभागों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब चूंकि वेबसाईटों को दिव्यांग फ्रेंडली बनाने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही अपने प्रगति कार्यक्रम (जिसमें वे वीडियो कान्फ्रेंसिंग करते हैं) के माध्यम से समीक्षा करने वाले हैं इसलिए राज्य सरकार सचेत हो गई है तथा उसने 30 अक्टूबर तक सभी विभागों को अपनी वेबसाईटें दिव्यांग फ्रेंडली बनाने की हिदायत दी है।

हिदायत मिलने पर अब राज्य के विभागों ने कार्यादेश जारी कर दिए हैं। अब तक आरवी सोल्युशन कंपनी राज्य के ऊर्जा विभाग की वेबसाईट को दिव्यांग फ्रेंडली बना चुकी है तथा अब वह शेष विभागों की वेबसाईटें इस अनुरुप बनाएगी। वेबसाईटों को दिव्यांग फ्रेंडली बनाने के लिए इंटरनेशनल गाइडलाईन भी है जिसके अनुरुप भारत सरकार ने भी गाइडलाईन बनाई है।

मैप आईटी सहायक संचालक विनय पाण्डे का कहना है कि पूरी तरह दृष्टिबाधित लोगों के लिए तो काम नहीं होगा, लेकिन 70 से 82 प्रतिशत तक दृष्टिबाधित लोगों (जोकि वेबसाईट पर कर्सर देख सकते हैं) के लिए काम किया जा रहा है जिसमें जहां वे माउस से कर्सर रखेंगे वहां ऑडियो के माध्यम से कन्टेंट सुनाया जाएगा। श्रवण बाधित वेबसाईट के चित्रों एवं वीडियो को उनके केप्शन्स के माध्यम से समझ सकेंगे।   
 

Created On :   25 Oct 2017 11:39 AM IST

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