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बाघों का शिकार रोकने कानून में हो संशोधन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बाघों के शिकार को रोकने के लिए संबंधित कानून को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सख्त सजा के प्रावधान के लिए जरूरत पड़ी तो आवश्यकता अनुसार कानून में संशोधन किया जाए। सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वन विभाग की बैठक वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जगहों पर वन्यजीवों के साथ हादसा होता है ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करके आवश्यक वैकल्पिक उपाय किया जाना चाहिए। जंगलों का विकास करते समय विशेष रूप से रेलवे लाइन का नियोजन करते समय वन विभाग से चर्चा की जानी चाहिए। जिससे वन्यजीवों को होने वाले खतरे को टाला जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघों का शिकार न होने देने के लिए जनजागृति के साथ कानून को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस की मदद से स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर मुखबिरों की जाल तैयार करें। साथ ही जॉईंट पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में व्याघ्र संरक्षण के लिए महावितरण, पुलिस, राजस्व और वन समेत सभी संबंधित विभाग एक साथ समन्वय से काम करें। जिला स्तर पर पुलिस अधिक्षकों की अध्यक्षता में बनाए गए व्याघ्र कक्ष की नियमित बैठक बुलाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बाघों की संख्या और जगह का प्रमाण कम होने के चलते अस्थायी उपाय योजना करने के बजाय स्थायी योजना बनाने पर प्राथमिकता से विचार होना चाहिए। वन प्रंबधन करते समय बाघों की बढ़ने वाली संख्या को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसी के अनुसार भविष्य के प्रबंधन की तैयारी की जाए।
नए संवर्धन आरक्षित क्षेत्र के प्रबंधन प्रारूप बनाएं- आदित्य
बैठक में राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने नए संवर्धन आरक्षित क्षेत्रों के प्रंबधन का प्रारूप जल्द तयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संरक्षित वन क्षेत्र का ग्रीन कवर बढ़ना चाहिए। महामार्गों के पास पौधारोपण के बारे में विचार किया जाए। इस बीच बैठक में बताया कि राज्य में हुई गणना में 312 बाघ पाए गए हैं। जिसमें से केवल चंद्रपुर में 200 बाघ हैं। इसलिए वहां पर मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं अधिक होती हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विशेष अध्ययन समूह की सिफारिशों को राज्य वन्यजीव बोर्ड ने मंजूर किया है। उस पर आगे की कार्यवाही शुरू है। बैठक में बतया गया कि 10 में से 8 संवर्धन आरक्षित क्षेत्र की अधिसूचना जारी कर दी गई है। जबकि दो संवर्धन आरक्षित क्षेत्र अधिसूचित करने की कार्यवाही शुरू है। राज्य में कुल 71 संरक्षित क्षेत्र अधिसूचित किए गए हैं। जबकि राज्य में छह व्याघ्र प्रकल्प है।
Created On :   3 Jan 2022 10:13 PM IST