- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- जिन पितरों के देवलोक गमन की तिथि...
जिन पितरों के देवलोक गमन की तिथि नहीं पता 25 काे उनका तर्पण
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पितृपक्ष के अंतिम दिन 25 िसतंबर को पितृमोक्ष अमावस्या होगी। यही िदन पितरों की विदाई का भी होता है। इस अमावस्या का खास कर उन लोगों को विशेष इंतजार रहता है, जिन्हें अपने किसी पितृ की तिथि ज्ञात नहीं हैं। शास्त्रों में ऐसे देवलोक गमन करने वाले पितरों के निमित्त इसी दिन तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करने का उल्लेख है। सभी चाहते हैं िक उनके पितृ खुश होकर रवाना हों और उनके िनमित्त वे जो अनुष्ठान कर रहे हैं, वह भी मंगलकारी हो। संयोगवश पितृमोक्ष अमावस्या पर सर्वार्थ िसद्धि, रवि, बुधादित्य और कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग के संयोग रहेगा। इन योगों के चलते किए कर्मकांड शुभ फलदायी रहेंगे।
पूर्वजों की आत्मशांति के लिए करते हैं श्राद्धकर्म : पंड़ितों के अनुसार पितरों के निमित्त सर्वाधिक कर्मकांड 25 सितंबर को पितृमोक्ष अमावस्या पर होंगे। इस दिन ऐसे लोग भी अपने उन पूर्वजों के निमित्त तर्पण और पिंंडदान व श्राद्ध आदि जिनकी तिथि उन्हें ज्ञात नहीं है। कई वे लोग भी रहेंगे, जो समयाभाव के कारण पूरे पितृपक्ष में तर्पण नहीं कर पाते हैं, वे अमावस्या पर करते हैं। मातृ नवमी 19 सितंबर को होगी। इस दिन मृत महिलाआओ का श्राद्धकर्म िकया जाता है।
3 िवशेष योग में किए कर्म से मिलेगा पितरों का अशीर्वाद
रविवार को सूर्योदय से रात 12.35 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इस योग में िकए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं। इसी तरह इस दिन रवि योग रहेगा। यह योग सूर्योदय से दोपहर 1.30 बजे तक रहेगा। कन्या राशि में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा। इस योग में िकए कार्य से िपतरों का आशीर्वाद मिलेगा।
चतुर्ग्रही योग...नवरात्र के िलए पूजन सामग्री की खरीदी शुभ : अमावस्या पर कन्या राशि में सूर्य, बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे। इस राशि में बुध पहले से हैं, जबकि सूर्य 17 सितंबर को पहुंचेगे। शुक्र और चंद्रमा का भी अमावस्या पर ही इस राशि में प्रवेश होगा। इस तरह कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग बनेगा। पंडितों के अनुसार इन योगों के चलते नवरात्र की पूजन सामग्री और अन्य जरूरी खरीदी करना फलदायी रहेगा।
Created On :   17 Sept 2022 4:30 PM IST