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आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का सडक में शक्ति प्रदर्शन, निकाली रैली
डिजिटल डेस्क, पन्ना। दिनोंदिन बढते तापमान के बीच आंगनबाडी कार्यक्र्ता और सहायिकायें अपनी मांगों को लेकर दिनांक २१ मार्च से अनिश्चित कालीन हडताल पर आंदोलनरत हैं। पन्ना कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचने वाले मार्ग स्थित यात्री प्रतीक्षालय के समीप टेण्ट लगाकर एकजुटता दिखाते हुए पांच दिन से उनका प्रदर्शन जारी है। हडताल के आज पांचवे दिन जिलेभर की आंगनबाडी केन्द्रों में कार्य करने वाली आंगनबाडी कार्यक्र्ता एवं सहायिकायों ने अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिाखाते हुए शहर की सडकों में शक्ति का प्रदर्शन किया। धरना स्थल से सैकडों की संख्या में कतारबद्ध होकर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शहर के मुख्य मार्गों में पैदल मार्च करते हुए मांगे पूरी करने को लेकर अपनी हुंकार भरी। आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की भारी भीड की वजह से यातायात व्यवस्था जगह-जगह प्रभावित दिखी। लगभग दो घण्टे तक शहर की सडकों पर रैली के साथ पैदल मार्च करते हुए महिलायें श्री जुगल किशोर जी मंदिर पहुंची जहां पर उन्होंने अपने आराध्य देव श्री जुगल किशोर सरकार से मांगे पूरी होने को लेकर मन्नतें पूरी की गईं। आंदोलनरत आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का कहना था कि वह महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूण्र योजनाओं की सफलता के लिए पिछले कई सालों से कडी मेहनत कर रहीं हैं। कोरोना काल में चाहे गांव हो अथवा शहर हो फ्रंटलाईन में कार्य करते हुए संक्रमित मरीजों की जांच उपचार कार्य में सहायता की गई साथ ही साथ प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए वह पूरे समय तक डटीं रहीं। इन तमाम कार्यों के बावजूद भी उन्हें शासन से अल्प मानदेय दिया जा रहा है। मृत्यु अथवा र्दुघटना हो जाने की स्थिति में उन्हें अथवा उनके परिवार के लिए किसी भी प्रकार की व्यवस्था सरकार ने नहीं कर रखी है जिसके चलते वह अब आंदोलन करने के लिए मजबूर हो गईं हैं। आंगनबाडी कार्यक्र्ताओं की रैली वापिस धरना स्थल पर पहुुंचकर सम्पन्न हुई। जिले में चल रही आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की हडताल की वजह से महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनायें एवं कार्यक्रम पूरी तरह से ठप्प् पड गए हैं। वहीं इन सबके बीच जिला प्रशासन हडताल के चलते प्रभावित कार्यों को संचालित करने के लिए वैकल्पिक प्रबंधन करने के प्रयासों में लगा हुआ है। पूर्व में आंगनबाडी केन्द्रों में पोषण आहार प्रदाय किए जाने की जिम्मेदारी मातृ सहयोगिनी संस्थाओं तथा शौर्या दलों को सौंपे जाने का आदेश जारी किया गया था परंतु यह व्यवस्था जब पूरी तरह से फैल नजर आई तो प्रशासन पोषण आहार व्यवस्था के लिए अपने अन्य कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी कर चुका है।
कलेक्टर ने पोषण आहार व्यवस्था के लिए मैदानी कर्मचारियों को सौंपी जिम्मेदारी
आंगनबाडी केन्द्रों की सेवाएं सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कलेक्टर संजय कुमार मिश्र द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के तहत जिले में आंगनबाडी की अनिवार्य प्रकृति की सेवा, नाश्ता, गर्म पका भोजन, टेकहोम राशन का हितग्राहियों को वितरण के लिए आंगनबाडी केन्द्र के ग्रामों के पदाधिकारियों को दायित्व सौंपे गए हैं। इनमें आशाए ऊषा कार्यकर्ता समस्त सदस्य मातृ सहयोगिनी समिति आंगनबाडी केन्द्रों के ग्रामों वार्ड के 3 से 6 वर्ष के बच्चों को नाश्ता एवं भोजन के लिए नियत स्थान पर एकत्रित करेगी। आशाए ऊर्षा कार्यकर्ता, प्राधानाध्यापक एवं प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला संबंधित ग्राम शाला, ग्राम वार्ड के आंगनबाडी केन्द्रों के 3 से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनबाडी के पास उपलब्ध कक्ष बरांदे या प्राथमिक, माध्यमिक शाला के कक्ष में बैठाकर उन्हें स्वसहायता समूहए रसोई तथा मातृ सहयोगिनी समिति के सहयोग से मीनू अनुसार नाश्ता एवं गर्म पका भोजन करवाएंगे। स्वसहायकता समूह, सॉझा चूल्हा महिला एवं बाल विकास विभाग संबंधित आंगनबाडी केन्द्र के बच्चों को मीनू अनुसार नाश्ता एवं गर्म पका भोजन समय पर रसोईए के माध्यम से निर्धारित स्थान पर पहुंचाने एवं भोजन व्यवस्था में सहयोग करेगी। सचिव संबंधित ग्राम पंचायत निर्धारित व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए संबंधित प्राधानाध्यापक प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला एवं आशा कार्यकर्ता मातृ सहयोगिनी समिति तथा स्वसहायता समूह के मध्य आवश्यक समन्वय बनाएंगे। आशा, ऊषा कार्यकर्ता संबंधित ग्राम वार्ड में प्रतिदिन स्वसहायता समूह द्वारा बच्चों को प्राप्त भोजन एवं नाश्ता की मात्रा बच्चों की उपस्थिति का रिकार्ड संधारित करेंगी। यह व्यवस्था अन्य आदेश पर्यंत लागू रहेगी।
Created On :   26 March 2022 4:08 PM IST