विवेचना अधिकारी पर नाराज- हाईकोर्ट ने दिए सीहोर एसपी को कार्रवाई के आदेश

Angry at the investigating officer - High court ordered action against Sehore SP
विवेचना अधिकारी पर नाराज- हाईकोर्ट ने दिए सीहोर एसपी को कार्रवाई के आदेश
विवेचना अधिकारी पर नाराज- हाईकोर्ट ने दिए सीहोर एसपी को कार्रवाई के आदेश

डिजिटल डेस्क  जबलपुर । एक महिला द्वारा की गई आत्महत्या के मामले पर हाईकोर्ट ने विवेचना अधिकारी के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है। जस्टिस मोहम्मद फहीम अनवर की एकलपीठ ने कहा है कि पीडि़त महिला चार दिनों तक अस्पताल में भर्ती रही, लेकिन विवेचक ने उसके मृत्यु पूर्व बयान दर्ज करने की जहमत ही नहीं उठाई। अदालत ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सीहोर के पुलिस अधीक्षक को विवेचना अधिकारी के खिलाफ जाँच के आदेश दिए हैं। दहेज हत्या के आरोप में गिरफ्तार सीहोर जिले के ग्राम नॉनभेट निवासी तरवर सिंह की ओर से यह जमानत अर्जी हाईकोर्ट में दायर की गई थी। उस पर आरोप है कि कथित दहेज प्रताडऩा के चलते उसकी पत्नी आशा ठाकुर ने 31 जुलाई 2018 की रात 10 बजे जहर का सेवन कर लिया और फिर उसे गंभीर अवस्था में पहले होशंगाबाद के नर्मदा अस्पताल और फिर भोपाल के नर्मदा अस्पताल में भर्ती किया गया। अस्पताल में करीब चार दिनों तक भर्ती रहने के बाद 4 अगस्त को उसका निधन हो गया।
दहेज हत्या का मामला दर्ज
सीहोर जिले की शाहगंज थाना पुलिस ने आशा के मायके पक्ष के सदस्यों द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर तरवर सिंह व अन्य के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया था। प्रकरण में जमानत का लाभ पाने आरोपी तरवर सिंह की ओर से दूसरी जमानत अर्जी हाईकोर्ट में दायर की गई थी। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से अधिवक्ता सत्यम अग्रवाल, राज्य शासन की ओर से उप शासकीय अधिवक्ता कुश सिंह और एसडीओ(पी) मलकीत सिंह व एसआई रवि बस्के हाजिर हुए। सुनवाई के दौरान अदालत ने जानना चाहा कि अस्पताल में चार दिन भर्ती रहने के बावजूद भी महिला के मृत्यु पूर्व वयान क्यों दर्ज नहीं किये गए? जवाब में पुलिस अधिकारी कोई भी जवाब दे पाने में नाकाम रहे। इसे गंभीरता से लेते हुए अदालत ने सीहोर एसपी को मामले में जाँच करके उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए।
 

Created On :   20 Sep 2019 8:39 AM GMT

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