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किसान नेता टिकैत का ऐलान - बिल वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं
डिजिटल डेस्क, नागपुर। संयुक्त किसान मोर्चा के कोर कमेटी सदस्य राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया कि जब तक बिल वापसी नहीं, तब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी। कृषि कानून वापस लेने से कम मंजूर नहीं। एमएसपी (समर्थन मूल्य) कानूनी रूप से लागू होनी चाहिए। किसानों को लुटने के लिए छोड़ दिया गया है। किसान आंदोलन यह वैचारिक क्रांति है आैर वैचारिक क्रांति बंदूक से खत्म नहीं होगी।
विधायक निवास में पत्रकारों से चर्चा के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों को लूटने के लिए बनाए गए हैं। कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 10 दौर की वार्ता नाकाम रहने पर उन्होंने कहा कि कृषि कानून वापस हो और हम वार्ता का सीधा प्रसारण (लाइव) चाहते हैं। खालिस्तान व विदेशी फंडिंग का नाम लेकर सरकार आंदोलन को बदनाम कर रही है। किसानों के संगठन भले ही अलग-अलग हों, लेकिन सभी का विचार एक ही है। इसीलिए देश भर के किसान एक झंडे के नीचे आकर आंदोलन कर रहे हैं। भविष्य में भी किसानों की सहमति से ही कृषि कानून बनने चाहिए।
"पोल खोल" यात्रा पर निकले
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन की अलख देश भर में जगाना है। इसीलिए किसान नेता देश भर में -"पोल खोल" यात्रा पर निकले हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारियों की पहुंच सीधे प्रधानमंत्री तक है। इसीलिए कानून बनने के पहले ही गोदाम तैयार हो गए। आंदोलन किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है, यह किसानों का आंदोलन है। कांग्रेस के समर्थन पर कहा कि हर पार्टी को इस आंदोलन का समर्थन करना चाहिए। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के समन्वयक संदीप गिड्डे पाटील, अरुण वनकर, प्रशांत पवार आदि उपस्थित थे।
26 जनवरी को नागपुर में ट्रैक्टर मोर्चा
राकेश टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली की तर्ज पर नागपुर व महाराष्ट्र के तहसील व जिला मुख्यालयों में ट्रैक्टर मोर्चा निकाला जाएगा। किसान ट्रैक्टर पर तिरंगा झंडा लगाकर आगे बढ़ेगा आैर इसके लिए किसी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। आंदोलन कब तक चलेगा, इस पर उन्होंने कहा कि सरकार नहीं मानी तो हम मई 2024 तक आंदोलन चलाने के लिए तैयार हैं।
यहां पुलिस का दबाव नहीं
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की आग देश भर में फैल रही है और किसानों को दबाने के लिए पुलिस व अन्य सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि महाराष्ट्र में पुलिस की तरफ से दबाव नहीं बनाए जाने की जानकारी उन्होंने दी। आंदोलन में शामिल किसान जानते हैं कि पुलिस व सरकारी एजेंसियां दबाव बनाएंगी, नोटिस देंगी आैर समय आया तो जेल भी भेजेंगी। आंदोलन में शामिल किसान हर तरह की चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
Created On :   18 Jan 2021 5:38 PM IST