डीपीसी की निधि में कटौती, सरकार ने कम कर दिए 266 करोड़ रुपए

Annual planning fund deduction, government reduced 266 crore
डीपीसी की निधि में कटौती, सरकार ने कम कर दिए 266 करोड़ रुपए
डीपीसी की निधि में कटौती, सरकार ने कम कर दिए 266 करोड़ रुपए

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  राज्य के वित्त मंत्री अजित पवार ने नागपुर जिले की वार्षिक नियोजन निधि (डीपीसी) में करीब 226 करोड़ की कटौती करने के स्पष्ट संकेत दिए हैं। नागपुर जिले की डीपीसी 525 करोड़ की थी, जिसे वित्त मंत्री घटाकर 299 करोड़ 52 लाख करना चाहते हैं। पिछली सरकार पर अन्य विभागों की निधि कम करके यहां लाने का आरोप उन्होंने लगाया। 

अंतिम फैसला मुख्यमंत्री करेंगे
विभागीय आयुक्तालय में नागपुर विभाग के पालक मंत्रियों व जिलाधीशों के साथ बजट पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक के बाद वित्त मंत्री पवार ने कहा कि राज्य का 9500 करोड़ का बजट है, जिसमें हर जिले के विकास के लिए निधि देते समय किसी पर अन्याय नहीं होगा। नागपुर जिले की डीपीसी फिलहाल 525 करोड़ की है, लेकिन इसे घटाकर 299 करोड़ 52 लाख किया जा सकता है। इसी तरह चंद्रपुर जिले की  डीपीसी 375 करोड़ की है, जिसे 223 करोड़ 60 करना है।

नागपुर, चंद्रपुर व सिंधु दुर्ग के पालकमंत्रियों ने अपनी सियासी ताकत का इस्तेमाल कर अन्य विभागों की निधि में कटौती कर वह निधि इन जिलों में आवंटित की थी। चूंकि बजट पूरे राज्य का है, इसलिए मानकों पर अमल करते हुए हर जिले को निधि आवंटित की जाएगी। लाेकसंख्या व क्षेत्रफल व अन्य मानकों के आधार पर निधि देने का प्रावधान है आैर उसी का पालन किया जाएगा। सिंधु दुर्ग का 225 करोड़ की निधि 118 करोड़ 65 लाख हो सकती है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री को ही करना है।

उपराजधानी पर अन्याय नहीं होगा
पवार ने कहा कि राजधानी मुंबई के बाद उपराजधानी नागपुर का स्थान है। इसे देखते हुए यहां निधि की कमी नहीं पड़ने देंगे। बजट में भले ही नागपुर जिले की निधि कम होगी, लेकिन अन्य मार्गों से यहां निधि दी जाएगी। सड़क निर्माण, सिंचाई या अन्य विकास कार्यों के लिए संबंधित विभागों के हेड से निधि दी जाएगी। उपराजधानी पर किसी सूरत में अन्याय नहीं होगा।

किसानों को राहत
जित पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ किया है, लेकिन जिन किसानों पर 2 लाख से ज्यादा कर्ज है आैर जिन्होंने नियमित कर्ज का भुगतान किया, ऐसे किसानों के बारे में विचार करने के लिए कमेटी बनाई गई है। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद मंत्रिमंडल इस पर निर्णय लेगी। इनके लिए राहत भरी खबर रहेगी। 
 

Created On :   29 Jan 2020 11:42 AM IST

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