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NCERT का दावा : 6 महीने में नेत्रहीनों के लिए तैयार हो पाएगा एप-वेबसाईट, याचिकाकर्ता ने कहा - तब तक खत्म हो जाएगा सत्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नेशनल कॉउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि 6 से आठ महीने में नेत्रहीनों (दिव्यांग) के पढ़ाई को सुगम बनाने वाले एप व वेबसाइट उपलब्ध करा दिए जाएंगे। एनसीईआरटी के एक अधिकारी ने हाईकोर्ट को यह जानकारी हलफनामे के जरिए दी है। यह हलफनामा नेशनल एसोसिएशन फ़ॉर ब्लाइंड की ओर से दायर जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है। याचिका में नेत्रहीन विद्यार्थियों की पढ़ाई से जुड़ी दिक्कतों को दर्शाया गया है। साथ ही दावा किया गया है कि एनसीईआरटी का दीक्षा एप व ई-पाठशाला वेबसाइट नेत्रहीनों के अनुरूप नहीं है।
याचिकाकर्ता ने कहा-तब तक खत्म हो जाएगा सत्र
एनसीईआरटी के अधिकारी की ओर से दायर हलफनामे के मुताबिक बच्चों की पढ़ाई के लिए दीक्षा एप व ई पाठशाला नामक वेबसाइट उपलब्ध कराई है। वेबसाइट में पूरी किताबें उपलब्ध हैं। एप पर भी अध्ययन सामग्री है। बच्चों की पढ़ाई के लिए रेडियो स्टेशन की भी मदद ली जा रही है पर एप और ई-पाठशाला में तकनीकी बदलाव के लिए 6 से आठ माह का वक्त लगेगा। इसके लिए ई-पाठशाला वेबसाइट व एप तैयार करने वाली बेंगलुरु कि संस्था से मदद ली जाएगी। तकनीकी बदलाव के बाद बिना किसी रुकावट के दिव्यांग व दूसरे विद्यार्थियों की एप और ई-पाठशाला तक पहुंच बन सकेगी।
हाईकोर्ट में एनसीईआरटी का दावा
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील उदय वारुनजेकर ने कहा कि महाराष्ट्र में हजारों की संख्या में नेत्रहीन विद्यार्थी हैं। एनसीईआरटी जितने समय की मांग कर रहा है उतने में पूरा शैक्षणिक सत्र समाप्त हो जाएगा। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में कई विशेषज्ञ हैं जो इस तकनिकी कार्य को काफी कम समय में कर सकते हैं। इस पर खंडपीठ ने श्री वारुनजेकर को विशेषज्ञों के नाम देने को कहा। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 6 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   2 Oct 2020 6:36 PM IST