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राजमाता जिजाऊ माता-बाल स्वास्थ्य मिशन के चौथे चरण को मिली मंजूरी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में राजमाता जिजाऊ माता-बाल स्वास्थ्य व पोषण मिशन के चौथे चरण को शुरू करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। चौथे चरण में पोषण के दर्जे में सुधार करने, कुपोषण का प्रमाण कम करने, महिला सशक्तिकरण समेत विभिन्न उपक्रमों को चलाया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव मनुकुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय निगरानी समिति गठित की जाएगी।
इसके अलावा करार पद्धति पर नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन यूनिसेफ से मिलने वाली निधि के जरिए प्रदान किया जाएगा। राज्य में एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना के सभी ग्रामीण, आदिवासी और शहरी परियोजना के तहत 0 से 6 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों में कुपोषण का प्रमाण कम करने के लिए साल 2005 में राजमाता जिजाऊ माता-बाल स्वास्थ्य व पोषण मिशन स्थापित किया गया था। उसके बाद मिशन के कार्य का दायरा बढ़ाकर दूसरे चरण (सन 2011 से साल 2015) और तीसरे चरण (साल 2016 से साल 2020) के बीच लागू किया गया था। इस मिशन के काम के लिए यूनिसेफ के माध्यम से निधि उपलब्ध होती है।
फसलों के नुकसान के पंचनामा में लाए तेजीः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अक्टूबर महीने में हुए अतिवृष्टि से हुए नुकसान का पंचनामा तेज गति से पूरा करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्व विभाग और कृषि विभाग को तत्काल पंचनामा का काम पूरा करने को कहा। वहीं मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक अनुमानों के अनुसार लगभग 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार का दावा है कि अभी तक लगातार होने वाली बारिश से हुए नुकसान के लिए किसानों को मदद नहीं दी जाती थी। मगर शिंदे सरकार ने आपदा प्रभावित किसानों को लगभग 750 करोड़ रुपए वितरित कर दिया है। अक्टूबर महीने में हुए नुकसान के लिए भी इस तरह से मदद राशि प्रदान की जाएगी। इसके पहले सरकार ने जून से जुलाई के बीच बारिश के कारण फसलों का हुए नुकसान के लिए 4700 करोड़ रुपए की मदद राशि प्रदान की थी।
Created On :   2 Nov 2022 9:49 PM IST