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राज्य में दिव्यांग कल्याण विभाग बनाने को मंजूरी, अलग से होगा विभाग
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की शिंदे-फडणवीस सरकार ने दिव्यांगों के सर्वांगीण विकास के लिए स्वतंत्र दिव्यांग कल्याण विभाग स्थापित करने का फैसला किया है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने प्रदेश में अलग से दिव्यांग कल्याण विभाग बनाने के फैसले को मंजूरी दी। महाराष्ट्र में विश्व दिव्यांग दिवस पर 3 दिसंबर से दिव्यांग कल्याण विभाग कार्यान्वित होगा। राज्य सरकार के मौजूदा सामाजिक न्याय व विशेष सहायता विभाग के अंतर्गत दिव्यांग कल्याण के दो कार्यासन (डेस्क) को अलग करके स्वतंत्र विभाग निर्माण किया जाएगा। जिसमें दिव्यांग वित्त विकास महामंडल व उसके कार्यालय का भी समावेश होगा। दिव्यांग कल्याण विभाग के लिए स्वतंत्र सचिव, अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलाकर 2063 नए पद सृजित किए जाएंगे। जिसमें सचिव स्तर से लेकर चपरासी तक के पदों का समावेश है। इसके लिए 118 करोड़ रुपए खर्च को भी मंजूरी प्रदान की गई है।
राज्य में 30 लाख दिव्यांग
महाराष्ट्र में फिलहाल 30 लाख से अधिक दिव्यांग व्यक्ति हैं। दिव्यांगों के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण, पुनर्वसन योजना राज्य के सामाजिक न्याय विभाग के नियंत्रण वाले दिव्यांग कल्याण आयुक्त के माध्यम से लागू की जाती थी। जिला स्तर पर जिला समाज कल्याण अधिकारी यह काम देखते थे। मगर अब अलग से दिव्यांग कल्याण विभाग स्थापित होने के बाद दिव्यांगों के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक विकास के लिए विभिन्न योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया जा सकेगा। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार के दिव्यांगों के लिए बनाए गए अधिनियम और योजनाओं को लागू हो सकेगा। वहीं दिव्यांग विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, स्वंयरोजगार के लिए प्रारंभिक पूंजी, विभिन्न पुरस्कार, खेल प्रतियोगिता, व्यवसाय के लिए आर्थिक सहायता, दिव्यांग दिन मनाने, मतिमंदों के लिए बालगृह और दिव्यांगों के विकास के लिए प्रोत्साहन मिल सकेगा।
Created On :   29 Nov 2022 9:24 PM IST