परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने पर शस्त्र लाईसेंस रद्द नहीं

Arms license not canceled if a criminal case is registered against a family member
परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने पर शस्त्र लाईसेंस रद्द नहीं
हाईकोर्ट परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने पर शस्त्र लाईसेंस रद्द नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। हथियार का लाइसेंस सिर्फ इसलिए रद्द नहीं किया जा सकता है, क्योंकि लाइसेंसधारक के परिवार के एक सदस्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है। यह बात कहते हुए बांबे हाईकोर्ट ने दमन के पूर्व सांसद दया पटेल के बेटे जिग्नेश पटेल के लाइसेंस को रद्द करने के जिलाधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया है। जिलाधिकारी ने आठ अक्टूबर 2018 को जिग्नेश के लाइसेंस को रद्द कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ जिग्नेश ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति एसके शिंदे के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र शासित प्रदेश दमन जिलाधिकारी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता हितेन वेणेगांवकर ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता व उनके परिवार की आपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए जनहित में याचिकाकर्ता के हथियार का लाइसेंस रद्द किया गया है। इसलिए जिलाधिकारी के आदेश को खामपूर्ण नहीं माना जा सकता है। किंतु न्यायमूर्ति ने इसे अस्वीकार करते हुए मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि जिलाधिकारी ने याचिकाकर्ता के लाइसेंस को सिर्फ इसलिए रद्द किया है, क्योंकि याचिकाकर्ता के पिता व भाई के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज है। अदालत ने कहा कि हमारे सामने ऐसी कोई सामग्री नहीं लाई गई है जो याचिकाकर्ता व उसके भाई के मामले से संबंध को दर्शाती हो। जहां तक याचिकाकर्ता की है तो उसके खिलाफ आखरी मामला साल 2010 में दर्ज किया गया था लेकिन इस बीच उसके लाइसेंस का नवीनीकरण होता रहा है। इस बीच किसी ने हथियार के लाइसेंस को रद्द करने से जुड़े प्रावधान का संज्ञान नहीं लिया है। नियमानुसार सिर्फ जब बहुत जरुरी हो तो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए ही लाइसेंस को रद्द अथवा निलंबित करने का प्रावधान है। यह बात कहते हुए न्यायमूर्ति ने जिलाधिकारी के आदेश को रद्द कर दिया। 

 

Created On :   6 Dec 2021 2:24 PM GMT

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