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मुंबई पुलिस के सामने पेश नहीं हुए अर्णब गोस्वामी, टीआरपी घोटाले में एक और गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। रिपब्लिक टीवी के एडीटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी शुक्रवार को चैप्टर मामले में मुंबई पुलिस से सामने पेश नहीं हुए। अर्णब के वकील अबाद पोंडा उनकी ओर से कारण बताओ नोटिस का जवाब लेकर पुलिस के सामने पहुंचे। पुलिस का कहना है कि अर्णब ने व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी थी जिसे स्वीकार कर लिया गया गया लेकिन उन्हें 24 अक्टूबर को मामले में पेश होने को कहा गया है। पालघर में साधुओं की हत्या और बांद्रा में भीड़ इकठ्ठा होने के मामले में एंकरिंग के दौरान भड़काऊ बातें कहने के आरोप में महानगर के दो पुलिस स्टेशनों में दर्ज मामलों में पुलिस ने उनके खिलाफ चैप्टर की कार्रवाई शुरू की है। जिसके तहत अर्णब को पुलिस को 10 लाख का बांड भरकर देना होगा साथ ही लिखित में वादा करना होगा कि भविष्य में वे इस तरह की हरकत नहीं करेंगे। इस मामले में अर्णब को कारण बताओ नोटिस देकर 16 अक्टूबर को वरली विभाग के एसीपी के सामने हाजिर रहने को कहा गया था। वकील के जरिए भेजे गए जवाब में अर्णब ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया है। पोंडा ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है ऐसे में पुलिस इस मामले में इस तरह कारण बताओ नोटिस नहीं जारी कर सकती। आम तौर पर चैप्टर नोटिस इलाके के अपराधियों पर नकेल कसने के लिए भेजा जाता है लेकिन वरली विभाग के एसीपी सुधीर जामबावडेकर ने अर्णब को नोटिस भेजकर पूछा था कि उसके खिलाफ चैप्टर केस में सीआरपीसी की धारा 108 के तहत कार्रवाई क्यों ना की जाएॽ जामबावडेकर ने कहा कि शुक्रवार को अर्णब की व्यतिगत पेशी से छूट की अर्जी स्वीकार कर ली गई है। अगली सुनवाई पर जल्द ही फैसला होगा।
विशेषाधिकार मामले में चौथा नोटिस
विशेषाधिकार हनन के मामले में महाराष्ट्र विधानमंडल की ओर से शुक्रवार को अर्णब गोस्वामी को चौथा नोटिस भेजा गई। अर्णब का दावा है कि दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर मिली नोटिस में उन्हें सिर्फ 10 मिनट में यानी 3 बजे विधानभवन में पेश होने को कहा गया है। इससे पहले महाराष्ट्र सचिवालय की ओर से जारी नोटिस में अर्णब से 16 सितंबर तक मामले में सफाई मांगी गई थी। विधानमंडल के दो दिवसीय सत्र के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा प्रमुख शरद पवार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में गोस्वामी के खिलाफ दोनों सदनों में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया गया था। विधानसभा में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक ने यह प्रस्ताव पेश किया था। अर्णब ने दावा किया कि राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरी तरह ठप पड़ गई है। वहीं विधानमंडल सचिवालय के सचिव राजेंद्र भागवत ने संपर्क करने पर इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
टीआरपी घोटाले में एक और गिरफ्तार - एजेंसी का पूर्व कर्मचारी है आरोपी
वहीं पैसे देकर फर्जी तरीके से टीआरपी हासिल करने के मामले में मुंबई पुलिस ने छठी गिरफ्तारी की है। शुक्रवार को मामले में उमेश मिश्रा नाम के आरोपी को महानगर से सटे विरार इलाके से गिरफ्तार किया गया है। दूसरे आरोपियों से पूछताछ के दौरान मिश्रा का नाम सामने आया। वह भी हंसा रिसर्च का पूर्व कर्मचारी है और दो साल पहले काम छोड़ चुका है। पुलिस के मुताबिक उसे इस बात की जानकारी थी कि टीआरपी मीटर किन-किन घरों में लगा हुआ है। वह रिपब्लिक चैनल देखने के लिए लोगों को पैसे देता था। उसे पैसे कौन देता था, पुलिस इसकी छानबीन करेगी। डीसीपी नंदकुमार ठाकुर ने मिश्रा की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। शुरूआती जांच के दौरान पुलिस ने इस मामले में विशाल भंडारी और बोमपल्ली राव नाम के हंसा के दो पूर्व कर्मचारियों और "फक्त मराठी" चैनल के मालिक शिरीष शर्मा और :बाक्स सिनेमा" चैनल के मालिक नारायण शर्मा को गिरफ्तार किया था। जबकि बीते सप्ताह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से विनय त्रिपाठी नाम के हंसा के पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया था। वहीं मुंबई पुलिस कमिश्वर परमबीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि मजिस्ट्रेट के सामने चार लोगों ने बयान देकर खास चैनल देखने के लिए पैसे लेने की बात स्वीकार की है। इनमें से तीन लोगों को रिपब्लिक चैनल देखने के पैसे मिले थे जबकि एक व्यक्ति ने दूसरा चैनल देखने के लिए पैसे मिलने की बात स्वीकार की है।
Created On :   16 Oct 2020 9:38 PM IST