कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही लकवा पीडि़त मरीज को अस्पताल से बाहर कर दिया

As soon as the corona report is positive, the paralyzed patient is thrown out of the hospital.
कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही लकवा पीडि़त मरीज को अस्पताल से बाहर कर दिया
कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही लकवा पीडि़त मरीज को अस्पताल से बाहर कर दिया

डिजिटल डेस्क जबलपुर । दीक्षितपुरा स्थित मन्न्लाल अस्पताल आईसीयू वार्ड में भर्ती एक कोरोना मरीज को पिछले चार दिन से साधारण मरीज समझ कर पूरा स्टाफ इलाज करता रहा, तबियत बिगडऩे पर कोरोना टेस्ट हुआ तो वह रात में पॉजिटिव आया। ओमती निवासी 55 साल का यह व्यक्ति दीक्षितपुरा स्थित मन्नूलाल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती था, उसे हाई ब्लड प्रेशर के साथ लकवा की शिकायत थी। हालत नहीं सुधरने पर उसका कोरोना टेस्ट हुआ, लेकिन उसके बाद भी वह जनरल आईसीयू वार्ड में रखा गया। डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ नेे उसे आम मरीज समझ कर बिना कोविड सुरक्षा के अटेंड किया, लेकिन रपॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उस गंभीर मरीज को स्ट्रेचर में अस्पताल के बाहर कर दिया गया।  जानकारी के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर के कारण लकवा पीडि़त हुआ बड़ी ओमती निवासी 55 साल का व्यक्ति मन्नूलाल अस्पताल में इलाज कराने पहुँचा था, उसे आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया लेकिन सुधार नहीं दिखने पर कोरोना टेस्ट कराया गया, जो पॉजिटिव आया। सोमवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आने की खबर मिलने के बाद आनन-फानन में उस मरीज को स्ट्रेचर से अस्पताल के बाहर कर दिया गया। करीब एक घंटे बीतने के बाद भी जब स्वास्थ्य विभाग की टीम उसे लेने नहीं पहुँची तो प्रबंधन ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहन्ती से संपर्क किया, बकौल मन्नूलाल अस्पताल प्रबंधन से जुड़े डीके तिवारी के अनुसार वहाँ से एम्बुुलेंस भेजने की बात की गई। इसी आधार पर जनरल आईसीयू में भर्ती कोरोना पॉजिटिव को स्ट्रेचर में रख अस्पताल के बाहर कर दिया गया। दो घंटे बाद भी एंबुलेंस नहीं आने पर जब तिवारी ने मेडिकल के कोविड नोडल अधिकारी से बात की तो उन्हें बताया गया कि रात 10 बजे के बाद पॉजिटिव शिफ्ट नहीं होते, इस जानकारी के बाद उस कोराना पॉजिटिव लकवा पीडि़त को अस्पताल में सुबह तक फिर भर्ती किया गया। हालाँकि उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होने की बात कही जा रही है, लेकिन दो दिन से उसे आम मरीज समझ कर जिस ढंग से इलाज दिया गया, उससे अस्पताल स्टाफ और दूसरे मरीज भी कोरोना के संदेह में आ गए हैं। हालाँकि बाद में डीके तिवारी ने मरीज को पहले बाहर निकालने को गलती माना है।
 

Created On :   14 July 2020 10:07 AM GMT

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