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दो आहार विशेषज्ञ के भरोसे चल रहा एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल
डिजिटल डेस्क,नागपुर। नागपुर में स्थित एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल मात्र दो आहार विशेषज्ञों के भरोसे मरीजों को पौष्टिक आहार प्रदान कर रहा है। हालांकि अस्पतालों में आहार विशेषज्ञों की नियुक्ति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के मापदंड के अनुसार प्रत्येक दो सौ मरीजों पर एक आहार विशेषज्ञ होना चाहिए। राज्य के अधिकतर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल इस मापदंड पर खरे नहीं उतरते हैं। अधिकतर मेडिकल कॉलेजों में एक ही आहार विशेषज्ञ नियुक्त हैं। नागपुर के सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा केंद्र मेडिकल, सुपर और ट्रामा में मात्र दो ही आहार विशेषज्ञ नियुक्त हैं।
आहार तो मिलता है, पर सवाल पोषण का
सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों की तरह मेडिकल के विभिन्न वार्ड्स में भर्ती मरीजों को सरकार की ओर से नाश्ता व दो समय का भोजन प्रदान किया जाता है। बीमारियों के उपचार में पोषक आहार की अहम भूमिका है। लेकिन सवाल यह है कि दो आहार विशेषज्ञ इतने मरीजों को दिए जा रहे भोजन की निगरानी कैसे करते हैं।
नानवेज भी हुआ बंद
बीच में मरीजों को पोषण आहार के लिए मांसाहार की सुविधा शुरू की गई थी। मरीजों को कभी-कभी नानवेज दिया जाता था। हालांकि कुछ शिकायतें मिलने के बाद मांसाहार बंद कर अंडा दिया जाने लगा। लेकिन अब मरीजों को अंडा मिलना भी बंद हो गया है। अंडे काे प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है, और उपचार के दौरान जल्द बेहतर परिणाम लाने में सक्षम है।
एक आहार सभी मरीजों के लिए काफी नहीं
मरीजों का आहार उनकी बीमारी के साथ उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति के अनुसार तय करना जरूरी है। डायबिटीज के मरीज का आहार व पीलिया के मरीज का आहार अलग-अलग होता है। सामान्य मरीजों के आहार भी पौष्टिक होना जरूरी है।
- प्रदन्या बागलकोट, फैकल्टी ऑफ न्यूट्रिशन एंड कंसल्टेंट डायटीशियन
Created On :   18 Jan 2020 2:05 PM IST