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एटीएस का दावा - मनसुख हिरेन की हत्या में वाझे का हाथ, सबूत मिटाने डिलीट किए सीसीटीवी फुटेज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनसुख हिरेन की हत्या के सबूत मिटाने के लिए मुख्य आरोपी सचिन वाझे और उसके साथियों ने कई अहम ठिकानों से पहले ही सीसीटीवी डीवीआर हासिल कर फुटेज डिलीट कर दिए हैं। साथ ही हत्याकांड में इस्तेमाल कुछ मोबाइल फोन और सिमकार्ड भी नष्ट किए जा चुके हैं। इसके बावजूद मामले की छानबीन कर रही एटीएस के हाथ कुछ पुख्ता सबूत लगे हैं जिससे साफ होता है कि वाझे के इशारे पर हिरेन को मौत के घाट उतारा गया है। महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मामले में वाझे ने शुरूआत में जो बयान एटीएस के सामने दिया था जांच के दौरान वह पूरी तरह झूठा पाया गया। एटीएस ने वाझे का ट्रांसफर वारंट हासिल कर लिया है और 25 मार्च को एनआईए की हिरासत खत्म होने के बाद एटीएस उसे हिरासत में लेने की कोशिश करेगी, जिससे नए सबूतों के आधार पर उससे सवाल किए जा सकें। सिंह ने कहा कि वाझे से पूछताछ के बाद ही इस मामले की गुत्थी पूरी तरह सुलझ पाएगी।
14 सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाला गिरफ्तार
एटीएस ने इस मामले में दमन से आशीष नाथ नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने एक कंपनी के नाम पर 14 सिमकार्ड खरीदकर आरोपियों को मुहैया कराए थे। पकड़ा गया आरोपी एक कार डीलर है और वाझे का बिजनेस पार्टनर भी है। आरोपी के पास से एटीएस ने एक वाल्वो कार भी जब्त की है। शक है कि अपराध में इसका इस्तेमाल किया गया है। सबूत हासिल करने के लिए कार की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। सिंह ने कहा कि अब तक की जांच में साफ हो गया है कि पैरोल पर छूटे पूर्व पुलिसकर्मी विनायक शिंदे ने ही हिरन को फोन कर बुलाया। वह हत्या के दौरान भी साथ रहा। उसे लेकर एटीएस ने पूरी वारदात रिक्रिएट की है। इस मामले में एटीएस ने नरेश गोर नाम के एक बुकी को भी गिरफ्तार किया है।
दवाब में एटीएस
केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा मनसुख हिरेन की हत्या के मामले की जांच भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने के बाद एटीएस पर राज्य सरकार का दबाव है। यही वजह है कि कई अनसुलझे सवालों के बावजूद एटीएस अधिकारी लगातार इस मामले की गुत्थी सुलझा लेने का दावा कर रहे हैं। मंगलवार को जयजीत सिंह ने मीडिया के सामने बयान पढ़ा और किसी सवाल का जवाब दिए बिना चले गए। इससे पहले सिंह ने सोमवार को गृहमंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात की थी। मुश्किल में फंसी सरकार यह दिखाना चाहती है कि एटीएस ने ही इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाई है। इससे पहले एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे ने भी सोशल मीडिया पर इस गुत्थी को सुलझा लेने का दावा करने वाली पोस्ट लिखी थी। पर एटीएस इस मामले की पूरी कहानी नहीं बता रही है।
Created On :   23 March 2021 7:09 PM IST