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मुख्यमंत्री के निर्देश पर आयोजित लोक कल्याण शिविर में कम रही ग्रामीणों की उपस्थिति
डिजिटल डेस्क,शहडोल। केशवाही में आयोजित लोक कल्याण शिविर में पहुंचे कुड्डी गांव निवासी रामगोपाल आवास निर्माण की समस्या लेकर पहुंचे तो उनका आवेदन तो ले लिया गया, लेकिन यह नहीं बताया कि समस्या का समाधान कब तक होगा। उन्होंने बताया कि पावती भी नहीं दी गई। कई बार पूछने के बाद भी अधिकारी यह नहीं बताए कि आवास का लाभ मिलेगा का या नहीं। इसी प्रकार की बातें अन्य ग्रामीणों ने भी बताई। बुढ़ार जनपद सीईओ के अनुसार गुरुवार को जिले के केशवाही में पांच गांव के लिए लोक कल्याण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में समस्या लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि शिविर का आयोजन 12 से 3 बजे तक हुआ।
कलेक्टर 1 बजे पहुंची और विधायक दो बजे। बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह 7 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सीएम एट 7 एएम में शहडोल जिले की समीक्षा के दौरान केशवाही में शिविर की चर्चा के बीच यह आयोजन हुआ। इस बीच शिविर में आने वाले आवेदकों की संख्या सौ का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी। शिविर में जैतपुर विधायक मनीषा सिंह, कलेक्टर वंदना वैद्य, अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा, जनपद अध्यक्ष उमा धुर्वे, एसडीएम ज्योति परस्ते, जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. शशिप्रभा पांडेय, जिला मत्स्य अधिकारी शिवेंद्र सिंह, सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग आशा द्विवेदी, जिला महिला बाल विकास अधिकारी शालिनी तिवारी, सीएमएचओ डॉ.आरएस पांडेय सहित अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
शिविर में कलेक्टर ने ग्रामीणों को बालिका समृद्धि योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी ग्रामीण को समस्या हो तो सीधे बताएं। अपर कलेक्टर ने सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में उपस्थित ग्रामवासियों को बताते हुए कहा कि इसका संचालन भारतीय डाक विभाग द्वारा किया जाता है। इसका लाभ लेने के लिए दस वर्ष से अधिक उम्र नही होनी चाहिए। शिविर में स्वास्थ्य विभाग एवं आयुर्वेद विभाग द्वारा नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवा वितरण कराया गया।
विधायक ने कहा यातायात सप्ताह के नाम पर पुलिस करती है लोगों को परेशान-
जैतपुर से भाजपा विधायक मनीषा सिंह ने केशवाही में आयोजित लोक कल्याण शिविर के दौरान मंच से कहा कि यातायात सप्ताह के नाम पर पुलिस लोगों को परेशान करती है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान किसी के पास कागज नहीं है तो उन्हे कागज लाने का समय देना चाहिए। ऐसा नहीं कि अनावश्यक लोगों को परेशान किया जाए। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचल में भोले भाले लोग रहते हैं और ऐसी गतिविधियों से परेशानी उनकी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अंचल होने के कारण लोगो को विभागीय जानकारियां एवं योजनाओं के लाभ लेने के बारे में पर्याप्त जानकारी न होने के कारण वे लाभ से वंचित रह जाते है। यह अंचल जिला मुख्यालय से दूर होने के कारण अन्य सुविधाओं से पूर्ण नही है।
Created On :   2 Sept 2022 1:50 PM IST