आपदा में उठा रहे फायदा - इलाज के लिए अस्पतालों में बेड चाहिए, तो कैश लाइए

Availing benefits in disaster - If need beds in hospitals for treatment, bring cash
आपदा में उठा रहे फायदा - इलाज के लिए अस्पतालों में बेड चाहिए, तो कैश लाइए
आपदा में उठा रहे फायदा - इलाज के लिए अस्पतालों में बेड चाहिए, तो कैश लाइए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोनाकाल में एक तरफ जहां मानवता की मिसाल पेश करने के उदाहरण सामने आ रहे हैं, वहीं कुछ स्वार्थी लोगों ने इस आपदा में भी कमाई का गलत अवसर खोज लिया है। तड़प रहे मरीजों की सांसें वापस लाने के लिए सौदेबाजी की जा रही है। मनपा के हेल्पलाइन पर सभी निजी अस्पतालों में बेड फुल बताए जा रहे हैं। इसके विपरीत अस्पताल प्रबंधन मोटी रकम लेकर आसानी से बेड उपलब्ध करवा रहे हैं। कैश के रूप में 2 से 4 लाख की डिमांड की जा रही है। इसके बाद दवाओं से लेकर अन्य खर्चों के लिए अतिरिक्त रकम की बात कही जा रही है। यदि आप इसके लिए तैयार हैं, तो आपको इलाज उपलब्ध हो जाएगा। दूसरी तरफ यदि आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है, तब भी आपके लिए बेड खाली नहीं है, क्योंकि इससे अतरिक्त कमाई नहीं होगी। दैनिक भास्कर को ऐसे मामलों की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसलिए हमने स्टिंग ऑपरेशन कर इसकी सच्चाई सामने लाने का प्रयास किया है। दैनिक भास्कर के पास इसकी रिकॉर्डिगं मौजूद है। 

Case 1 - यदि बेड चाहिए तो शुरुआत में दो लाख रुपए लगेंगे

वर्धा रोड स्थित रामदासपेठ क्षेत्र के एक निजी अस्पताल के मोबाइल क्रमांक 937....664 पर हुई बातचीत।

रिपोर्टर : सर एक बेड चाहिए था, मिल सकता है क्या?

अस्पताल : क्यों किसको चाहिए?

रिपोर्टर : एक परिचित को चाहिए।

अस्पताल : आईसीयू व वेंटिलेटर्स वाले बेड नहीं हैं। पेशेंट कहां है?

रिपोर्टर : गरोबा मैदान में।

अस्पताल : ऑक्सीजन लेवल कितना है?

रिपोर्टर : 86

अस्पताल : मुझे डिटेल्स भेजिए मैं कोशिश करता हूं। डिटेल्स में आधार कार्ड, कोविड रिपोर्ट, सिटी स्कोर रिपोर्ट, पल्स ऑक्सीमीटर चेक करते हुए फोटो। यदि कहीं बेड का इंतजाम हुआ, तो कमसे कम 2 लाख रुपए लगेंगे। हमारे यहां इंतजाम होने पर 50 हजार रुपए कम लगेंगे। आप पेशेंट का डिटेल्स भेजिए, काम हो जाएगा।  

रिपोर्टर : ओके सर।

Case 2 - चेक नहीं 1.50 लाख कैश चाहिए, तो बेड मिल जाएगा

कोराडी रोड मानकापुर स्थित एक अस्पताल के मोबाइल क्रमांक 982....409 पर हुई बातचीत।

रिपोर्टर : आपके अस्पताल में एक आईसीयू बेड मिल सकता है क्या?

अस्पताल : पेशेंट की क्या स्थिति है?

रिपोर्टर : ऑक्सीजन लेवल 86 हो चुका है।

अस्पताल : अभी ऑक्सीजन कितना दे रहे हैं?

रिपोर्टर : अभी घर में ही है।

अस्पताल : उम्र कितनी है?

रिपोर्टर : 55 साल

अस्पताल : पेशेंट की डिटेल्स लेकर फोन कीजिए। हमारे पास बेड होना चाहिए। आपका मोबाइल नंबर दीजिए। यदि बेड उपलब्ध हुआ, तो मैं आपको कॉल करता हूं। इसके लिए 1.50 लाख रुपए जमा करवाने होंगे।

रिपोर्टर : ओके सर

थोड़ी देर बाद ही अस्पताल से फोन आया। बात करने वाला व्यक्ति और नंबर बदल गया था। इस बार मोबाइल क्रमांक 992....830 से कॉल आया।

अस्पताल : हैलो, जी...मैं......अस्पताल से बोल रहा हूं। हमारे पास आईसीयू बेड उपलब्ध है। यह जो बेड है, वह प्राइवेट कैटेगरी का है। इसमें खर्च ज्यादा लगता है। यह मान कर चलिए कि हर रोज 30 से 35 हजार रुपए खर्च आता है।

रिपोर्टर : डिपॉजिट कितना करना पड़ेगा?

अस्पताल : हम 1.50 लाख रुपए डिपॉजिट लेते हैं। चेक नहीं चलेगा। नकद जमा करने होंगे। रिपोर्टर : ओके सर...10 मिनट में कॉल करता हूं।

Case 3- बेड के लिए 4 लाख लगेंगे, दवा, प्लाज्मा आदि खर्च अलग से

धंतोली के एक निजी अस्पताल के मोबाइल क्रमांक 937....486 पर कॉल करने पर यहां के डॉक्टर ने बेड नहीं होने की जानकारी दी, लेकिन बाद में उन्होंने कॉल कर एक नंबर देकर संबंधित को उनका नाम बताने को कहकर बेड मांगने के लिए कहा। उनके बताए अनुसार दिए गए मोबाइल नंबर 940....477 पर कॉल किया तो बेड देने को तैयार हो गए।

रिपोर्टर : हैलो...मुझे डॉक्टर... ने नंबर दिया है।

अस्पताल : आपका नाम

रिपोर्टर : नाम बता दिया।

अस्पताल : मरीज का नाम

रिपोर्टर : नाम बता दिया। आरटीपीसीआर पॉजिटिव यह भी बता दिया।

अस्पताल : ठीक है लेकर आइये।

रिपोर्टर : खर्च का हिसाब कैसा रहेगा?

अस्पताल : 7500 से 9000 रुपए प्रतिदिन खर्च आएगा। दवाओं का खर्च अलग से करना होगा। 1.50 से 2 लाख रुपए की दवाएं लगेंगी। जांच के लिए 20 हजार रुपए अलग से लगेंगे। यदि वेंटिलेटर बड़ा लगा तो 3.50 से 4 लाख रुपए लग सकते हैं। प्लाज्मा की जरूरत पड़ने पर आपको व्यवस्था करनी होगी। रेमडेसिविर व अन्य एक इंजेक्शन के लिए हम पर दबाव नहीं डालेंगे। अभी 50 हजार रुपए जमा करना होगा।

इलाज को प्राथमिकता देनी चाहिए

दयाशंकर तिवारी, महापौर के मुताबिक मरीज को भर्ती करते समय एक पैसा भी नहीं लेना चाहिए। पहले उसका उपचार होना चाहिए। भर्ती के समय ही डेढ़ लाख रुपए जमा करवाने को कहना अनुचित है। इसकी शिकायत करनी चाहिए। मनपा के माध्यम से एेसे मामलों की जांच की जाएगी। 

नियम नहीं है

राम जोशी, अतिरिक्त आयुक्त का कहना है कि अस्पतालों द्वारा मरीज को भर्ती करते समय कितने पैसे लेने चाहिए, इसका सरकारी स्तर पर कोई नियम नहीं है। वर्तमान में मरीज व अस्पताल की बातचीत पर व्यवहार होता है। इसलिए इस विषय पर कुछ नहीं कहा जा सकता। 

शिकायत पर होगी जांच

जलज शर्मा, अतिरिक्त आयुक्त के मुताबिक अस्पताल में भर्ती करने के लिए डेढ़ लाख रुपए जमा करवाने का नियम नहीं है। इतनी बड़ी रकम मांगी जाती है, तो लोगों को मना कर देना चाहिए। पिछली बार ऐसे दो मामलों में हमने संबंधित अस्पतालों को चेतावनी दी थी। हमारे पास कोई शिकायत लेकर आता है तो जांच करके कार्रवाई करेंगे। 

हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अस्पतालों पर छापा मारकर बेड की लुकाछिपी का खेल उजागर किया है। वहां 200 बेड खाली कर लिए गए थे। फर्जी रिपोर्ट के आधार पर फर्जी मरीज को बेड दिए जाते थे। जब यहां कोई पैसे वाला मरीज आता था, तो फर्जी मरीज की फर्जी पॉजिटिव रिपोर्ट को निगेटिव में बदल दिया जाता था और पैसे वालों से मुंहमांगी रकम उगाही जाती थी। नागपुर में भी सामान्य तौर पर आपको बेड खाली नहीं होने की जानकारी आती है। यदि आप मोटी रकम खर्च करने के लिए तैयार रहते हैं, तो अचानक बेड खाली हो जाते हैं। कहीं यूपी की तर्ज पर नागपुर में भी तो काम नहीं हो रहा है। 

 

 

 

 

Created On :   2 May 2021 3:08 PM IST

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