टाइफाइड से बचाव ’दूषित पानी या संक्रमित भोज्य पदार्थ का उपयोग करने से बचें’

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टाइफाइड से बचाव ’दूषित पानी या संक्रमित भोज्य पदार्थ का उपयोग करने से बचें’

डिजिटल डेस्क, सिवनी। वर्तमान मौसम परिवर्तन की स्थितियों में सामान्य रूप से टाइफाइड और जलजनित बीमारियों से प्रभावित होने की आशंका आमजन के लिए बढ़ जाती है। टाइफाइड यानी मोतीझरा जिसे सामान्य भाषा में मियादी बुखार कहा जाता है, टाइफाइड सालमोनेला टाईफी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। ये बैक्टीरिया सामान्यतरू दूषित पानी या संक्रमित खाद्य पदार्थों में ही पनपता हैं। दूषित पानी या संक्रमित भोज्य पदार्थ का उपयोग करने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। तेज बुखार के साथ उल्टी, बदन दर्द, कमजोरी, सिरदर्द, पेटदर्द, भूख नहीं लगना आदि टाइफाइड के मुख्य लक्षण है। लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर उचित जांच एवं उपचार कराना चाहिए। पेयजल छानकर एवं उबालकर उपयोग करें, बाहर का खाना खाने से बचें। ठेले पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों एवं पेय पदार्थों का उपयोग नहीं करें। फल या सब्जी को पानी से धोकर ही उपयोग करें। खाना खाने से पहले अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं। व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें। किचन में भोज्य पदार्थ ढांक कर रखें। पानी पीने के लिए हेंडल वाले मग का उपयोग करें। बासी भोजन का प्रयोग नहीं करें, ताजा भोजन करें। दरवाजों के हैंडल, टेलीफोन एवं नल पर होने वाली गंदगी से बचें। नियमित तथा तेज बुखार के साथ उल्टी की शिकायत होने पर नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक से संपर्क करें। सभी सरकारी अस्पतालों में टाइफाइड की जॉच उपचार की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है।

Created On :   1 Dec 2020 1:47 PM IST

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