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मुकदमे की सुनवाई पूरी न होने के चलते एक दशक से बंद विचाराधीन कैदी को जमानत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने 10 साल से जेल में बंद विचाराधीन कैदी को जमानत प्रदान की है, क्योंकि अब तक उसके मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं हो पायी है। मामला हत्या के आरोप में अप्रैल 2012 में गिरफ्तार आरोपी मनोज गजकोश से जुड़ा है। आरोपी गिरफ्तारी के बाद से जेल में है और मुकदमे की सुनवाई पूरी होने का इंतजार कर रहा था। हाईकोर्ट ने दो बार आरोपी से जुड़े मुकदमे की सुनवाई पूरा करने का निर्देश दिया था। इसके बावजदू आरोपी के मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं हुई है। कोर्ट ने नवंबर 2018 तक आरोपी के प्रकरण से जुड़े गवाहों की गवाही दर्ज करने की प्रक्रिया को पूरा करने को कहा था लेकिन यह अब तक यह कार्य अधूरा है। मामले से कुल 34 गवाह जुड़े है इसमे से अब तक आठ से दस गवाहों की गवाही पूरी हुई है। इसके मद्देनजर आरोपी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दायर किया था।
न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी की ओर से पैरवी करे रहे अधिवक्ता ने केंद्र सरकार के गृहमंत्रालय की ओर से 27 सितंबर 2014 को जारी अधिसूचना का हावाला देते हुए कहा कि सामान्य तौर पर आजीवन कारावास की मियाद 20 साल तय की गई है। इस लिहाज से देखा जाए तो आरोपी दस साल जेल में बीत चुका है। इसलिए आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाए। क्योंकि तुरंत मुकदमे की सुनवाई पूरी होने की संभावना नहीं है।
शीघ्रता से सुनवाई पाना आरोपी का हक
इन दलीलों को सुनने व मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि निष्पक्ष व शीघ्रता से सुनवाई पाना आरोपी का हक है। यह हक संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) से जुड़ा है। वैसे भी आपराधिक न्यायशास्त्र के मुताबिक कोई भी आरोपी तब तक बेगुन्हा माना जाता है जब तक की अभियोजन पक्ष आरोपी को दोषी न ठहरा दे। इस तरह से न्यायमूर्ति ने एक दशक से जेल में बंद आरोपी को 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत प्रदान कर दी और मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड न करने व मुकदमे की सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया। इस दौरान न्यायमूर्ति ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी उल्लेख किया जिसमें व्यक्ति की स्वतंत्रता को काफी महत्व दिया गया। क्योंकि भारतीय जेलों में विचाराधीन कैदियों की संख्या काफी ज्यादा है।
Created On :   14 Aug 2022 9:03 PM IST