- एक लाख बाइकर्स किसान तिरंगा यात्रा में हो सकते हैं शामिल, मिली खुफिया जानकारी
- व्हाट्सएप की गोपनीयता नीति में बदलाव पर 21 को चर्चा करेगी संसदीय समिति
- महाराष्ट्र: अन्ना का दिल्ली अनशन रोकने में जुटी भाजपा, राज्य के पूर्व मंत्री को मिली मनाने की जिम्मेदारी
- इराक से आई फ्लाइट में दो यात्रियों की संदिग्ध हालत में मौत, पुलिस ने इराक एंबेसी को सूचना दी
- कैपिटल में हिंसा करने वाली रैली के पीछे ट्रंप समर्थकों का था हाथ
बलौदाबाजार : अनुसूचित जनजाति आयोग का जिले में 13 से 15 तक तीन दिवसीय सघन दौरा

डिजिटल डेस्क, बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री राजकुमारी दीवान एवं सदस्य श्री नितिन पोटाई 13 से 15 जनवरी तक बलौदाबाजार जिले के प्रवास में रहेंगे। इस दौरान वे लंबित राजस्व एवं सामाजिक प्रकरणों सहित अन्य मुद्दों पर जनसुनवाई कर प्रकरणों का निराकरण करेंगे। सभी पक्षकारों को सुनवाई में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री बी के राजपूत ने दौरा कार्यक्रम के बारे में बताया की 13 जनवरी को उपाध्यक्ष सुश्री दीवान एवं सदस्य श्री पोटाई राजधानी रायपुर से सुबह 9 बजे सड़क मार्ग से होकर प्रस्थान करेंगे। सुबह 10.30 बजे यहां जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के विश्राम गृह पहुँचेंगे। वे यहां अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ एवं सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों से मुलाकात कर समाजिक विषयों पर चर्चा करेंगे। दोहपर 12 बजे से संयुक्त जिला कार्यालय के सभागार में जिले के समाजिक विषयों से सम्बंधित आयोग को प्राप्त शिकायतों एवं प्रकरणों की सुनवाई करेंगे। रात्रि विश्राम बलौदाबाजार विश्राम गृह में होगा। दूसरे दिन 14 जनवरी को दोहपर 12 बजे से संयुक्त जिला कार्यालय के सभागार में ही जिले के विभिन्न सीमेंट कारखानों से प्रभावित लोगों को मुआवजे एवं पुनर्वास से सम्बंधित प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा। सम्बंधित एसडीएम भी इस दौरान बैठक में शामिल होंगे। रात्रि विश्राम बलौदाबाजार के सर्किट हाउस में रहेगा। तीसरे दिन 15 जनवरी को सुबह 11 बजे जिला कार्यालय के सभागार में ही विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर आदिवासियों के विकास के लिए संचालित योजनाओं के तहत स्वीकृत कार्यो की समीक्षा करेंगे। दोपहर 3.30 बजे वे बलौदाबाजार से कसडोल रवाना होंगे। वहां शाम 4 बजे स्थानीय विश्राम गृह में समाजिक विषयों पर परिचर्चा जनप्रतिनिधियों के साथ करेंगें। शाम 4.30 बजे वीरभूमि सोनाखान जाएंगे। वहां करीब एक घन्टे समाज प्रतिनिधियों से मुलाकात कर करीब 6 बजे पिथौरा होते हुए रायपुर वापस चले जायेंगे।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।