बिजली बिल न भरने पर कनेक्शन काटने पर लगी रोक हटी

Ban on cutting the connection has been lifted due to non-payment of electricity bill
बिजली बिल न भरने पर कनेक्शन काटने पर लगी रोक हटी
बिजली बिल न भरने पर कनेक्शन काटने पर लगी रोक हटी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में बिजली बिल बकायेदार महावितरण के उपभोक्ताओं को राज्य सरकार ने झटका दिया है। सरकार ने बकाया बिल वाले ग्राहकों के बिजली कनेक्शन काटने पर लगाई गई रोक को हटा लिया है। इससे प्रदेश में बिजली बिल न भरने वाले ग्राहकों का कनेक्शन कटाना शुरू हो जाएगा। विधान परिषद में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत ने बिजली कनेक्शन काटने के लिए 2 मार्च 2021 को लगाई गई रोक को हटाने की घोषणा की। 

महावितरण की आर्थिक स्थिति विकट

ऊर्जा मंत्री राऊत ने कहा कि कोरोना के कारण महावितरण की आर्थिक स्थिति विकट हो गई है। इसलिए बकायेदार बिजली बिल भरें। जिससे महावितरण स्तरिय और बिना रुकावट के सेवा दे सके। उन्होंने कहा कि कृषि पंपों का बकाया बिल वसूली के लिए सरकार ने कृषि पंप बिजली कनेक्शन नीति घोषित की है। इसके अनुसार किसानों को कृषि पंपों के बकाया बिल में विभिन्न प्रकार की सहूलियतें दी जा रही हैं। इस नीति का लाभ फरवरी 2021 तक 5.16 लाख ग्राहकों ने लिया है। राऊत ने कहा कि मार्च 2020 में महावितरण का कुल बकाया 59,833 करोड़ रुपए था जो दिसंबर 2020 के आखिर तक 71,506 करोड़ रुपए हो गया था। 

महानिर्मिति ने बिजली उत्पादन का रिकार्ड बनाया

वहीं राज्य में बढ़ती बिजली की मांग पूरी करने के लिए देश की अग्रणी बिजली उत्पादन करनेवाली कंपनी महानिर्मिति ने बुधवार को शाम 4.40 बजे कुल 10,445 मेगावाट बिजली का लक्ष्य प्राप्त कर ऑष्णिक बिजली उत्पादन में रिकार्ड बनाया है। पिछले 60 साल की कालावधि में  कंपनी ने बिजली सर्वोच्च उत्पादन किया है। 7 मार्च से लगातार बिजली के उत्पादन में वृद्धि की जा रही थी। इससे पहले 20 मई 2019 को कंपनी ने 10,098 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया था। इस रिकार्ड को तोड़ते हुए महानिर्मिति ने पहले 10275 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया और इस क्रम को जारी रखते हुए बुधवार को 10445 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर ऐतिहासिक काम किया है। इसमें औष्णिक बिजली उत्पादन द्वारा 7991 मेगावाट, वायु बिजली निर्मिति केंद्र द्वारा 264 मेगावाट तथा जल विद्युत केंद्र द्वारा 2138 मेगावाट और सौर ऊर्जा प्रकल्प से 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया। इस समय महावितरण की बिजली की मांग 22129 मेगावाट थी तथा राज्य का कुल बिजली उत्पादन 16429 मेगावाट था। अब तक महानिर्मिति ने केवल 3 बार 10 हजार मेगावाट के बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया है। राज्य में उद्योग, व्यवसाय के लिए बिजली मांग बढ़ रही है, उसी प्रकार गर्मी बढ़ने के कारण राज्य में बिजली की मांग बढ़ रही है। कंपनी ने सिद्ध किया है कि राज्य में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए महानिर्मिति सक्षम है। 
 

Created On :   11 March 2021 1:28 PM IST

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